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Kanhangad कान्हांगड़: चंद्रिका अपनी बेटी की परीक्षा फीस भरने के लिए 3,000 रुपये जुटाने की कोशिश कर रही थी, तभी उसे सड़क किनारे 500 रुपये के चार नोट पड़े मिले। वह पैसे लेकर सीधे कान्हांगड़ बस स्टैंड पर पुलिस सहायता चौकी पर गई।
जब पुलिस ने पैसे के मालिक का पता लगाया, तो उसने बताया कि कुल 2,100 रुपये गायब हो गए हैं। इस खबर से चंद्रिका बहुत दुखी हुई। उसने पुलिस से कहा, "सर, मुझे केवल 2,000 रुपये मिले। क्या आपको लगता है कि मैंने 100 रुपये लिए हैं? मैं अपनी बेटी की परीक्षा फीस का इंतजाम करने की कोशिश कर रही हूं। मैंने वह पैसे नहीं लिए हैं।"
चंद्रिका की परेशानी ने अधिकारियों को झकझोर दिया और उन्होंने उसकी मदद करने का फैसला किया। उन्होंने 3,000 रुपये इकट्ठा किए और चंद्रिका को दिए ताकि उसकी बेटी परीक्षा में बैठ सके।
कान्हांगड़ की मूल निवासी चंद्रिका इलाके में एक निजी फर्म में काम करती है। उसके पति का नाम कृष्णन है। चंद्रिका को मिले पैसे कान्हांगड़ के मोनाचा के मूल निवासी बैजू के थे। इंस्पेक्टर पी. अजितकुमार ने होसदुर्ग थाने में चंद्रिका को 3,000 रुपए सौंपे।
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SANTOSI TANDI
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