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तिरुवनंतपुरम (आईएएनएस)। केरल के उद्योग मंत्री और शीर्ष माकपा नेता पी. राजीव ने गुरुवार को उन आरोपों से इनकार किया, जिसमें दावा किया गया था कि वह दो दशक पहले कोच्चि से राज्य पार्टी मुख्यालय तक एक कार में 2.35 करोड़ रुपये ले गए थे।
राजीव ने मीडिया से कहा कि जो बयान आया है, उसमें "कोई सार या तथ्य नहीं है और यह सिर्फ कल्पना है और एक कथन है जिसका कोई सबूत नहीं है"।
माकपा के मुखपत्र 'देशाभिमानी' के पूर्व सहयोगी संपादक जी. शक्तिधरण ने पहली बार जून में अपने फेसबुक पोस्ट के माध्यम से आरोप लगाए थे, और गुरुवार को उन्होंने नामों का खुलासा किया।
जून में अपने फेसबुक पोस्ट में शक्तिधरण ने किसी भी माकपा नेता का नाम लिए बिना आरोप लगाए थे, लेकिन पर्याप्त संकेत दिए कि एक नेता ने कई साल पहले दो करोड़ रुपये की नकदी गिनी थी और एक वर्तमान कैबिनेट मंत्री इसे कोच्चि से एक कार में यहां तक लेकर आये थे।
शक्तिधरण ने गुरुवार को कहा कि वह नेता जो कोच्चि स्थित कार्यालय में दो दिन तक रुके और नकदी की गिनती की, विजयन थे, और बाद में इसे राजीव को सौंप दिया गया जो इसे तिरुवनंतपुरम ले गए।
जून में शक्तिधरण के दावे के बाद कांग्रेस के लोकसभा सदस्य बेनी बेहनन ने पुलिस को शिकायत दी, जिसने जांच शुरू की। शक्तिधरण को अपना बयान दर्ज करने के लिए बुलाया गया था, और ताज़ा खबर यह है कि किसी भी सबूत के अभाव में पुलिस मामले को बंद कर रही है।
पूर्व शीर्ष पत्रकार शक्तिधरण को ईएमएस, हरकिशन सिंह सुरजीत, वी.एस.अच्युतानंदन जैसे माकपा के दिग्गजों से निकटता के लिए जाना जाता था। उन्होंने कुछ साल पहले पार्टी से संबंध तोड़कर 'जनशक्ति' पत्रिका शुरू की। वह मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन सहित माकपा के शीर्ष अधिकारियों के बारे में चौंकाने वाले खुलासे कर रहे हैं।
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