केरल

केरल हाईकोर्ट की तीखी टिप्पणी: 'न्याय व्यवस्था को गाली देने का लाइसेंस नहीं देती अभिव्यक्ति की आजादी'

Deepa Sahu
7 Feb 2022 5:07 PM GMT
केरल हाईकोर्ट की तीखी टिप्पणी: न्याय व्यवस्था को गाली देने का लाइसेंस नहीं देती अभिव्यक्ति की आजादी
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केरल हाईकोर्ट ने सोमवार को अभिनेता दिलीप की अंतरिम जमानत के मामले में सुनवाई के दौरान मीडिया पर तीखी टिप्पणी की।

केरल हाईकोर्ट ने सोमवार को अभिनेता दिलीप की अंतरिम जमानत के मामले में सुनवाई के दौरान मीडिया पर तीखी टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि एक मुखर और आजाद मीडिया लोकतंत्र के लिए जरूरी है, लेकिन न्यायपालिका अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर आधे-अधूरे तथ्यों के जरिए न्याय व्यवस्था को गाली देने का लाइसेंस नहीं देती है।

दरअसल, मलयालम सिनेमा के अभिनेता दिलीप के मामले में सुनवाई कर रही हाईकोर्ट की यह टिप्पणी मीडिया की उन रिपोर्ट्स के बाद आई है, जिनमें कोर्ट पर निशाना साधा गया था। अभिनेता पर वर्ष 2017 में अभिनेत्री के साथ मारपीट करने के आरोप हैं। इसके अलावा दिलीप पर मामले की जांच कर रहे अधिकारियों को धमकी देने और कथित रूप से उन्हें खत्म करने की साजिश रचने के भी आरोप हैं।
अदालत ने अभिनेता और अन्य आरोपियों को अग्रिम जमानत देते हुए कहा कि मुख्यधारा के टेलीविजन मीडिया और सोशल मीडिया ने इस मामले में न्यायिक कार्यवाही के तरीके पर टिप्पणी की है। जस्टिस गोपीनाथ पी ने कहा, ''सुनवाई के दौरान अदालत में की गई टिप्पणियों की चीर-फाड़ की गई, जो गंभीर चर्चा का विषय है।''
अदालत ने आगे स्वतंत्र प्रेस का महत्व बताते हुए कहा, ''देश के संवैधानिक न्यायालय बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा के पुरजोर समर्थक हैं। लेकिन न्यायपालिका न्यायिक कार्यप्रणाली या फिर मूलभूत न्यायिक सिद्धांतों की कोई जानकारी नहीं रखने वाले या बहुत कम जानकारी रखने वाले लोगों को आधे-अधूरे तथ्यों के आधार पर न्यायिक प्रणाली को गाली देने का लाइसेंस नहीं देता।


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