केरल
केरल हाईकोर्ट की टिप्पणी, कहा- 'योग्य हाथों में सोशल मीडिया अच्छा साधन'
Deepa Sahu
23 Dec 2021 2:03 PM GMT
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केरल हाईकोर्ट
केरल हाईकोर्ट ने गुरुवार को कहा कि योग्य हाथों में सोशल मीडिया एक अच्छा साधन है लेकिन कुछ लोग इसे अपने मन का कुछ भी काम करने के लिए एक बिना प्रतिबंधों वाला खेल का मैदान समझते हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता एक अन कीमती अधिकार है लेकिन कुछ लोग इसका बहुत अधिक दुरुपयोग करते हैं।
न्यायाधीश देवन रामचंद्रन ने ये टिप्पणियां एक पूर्व न्यायिक अधिकारी की ओर से किए गए सोशल मीडिया पोस्ट का उल्लेख करते हुए किया। पूर्व न्यायिक अधिकारी ने प्राचीन वस्तुओं के एक कारोबारी मोनसन मवंकुल के खिलाफ जांच के संबंध में केरल हाईकोर्ट की ओर से जारी किए गए आदेशों के खिलाफ अपमानजनक और तीखी टिप्पणियां की थीं।
समन जारी होने के बाद भी पेश नहीं हुए अधिकारी, अदालत ने बताया कायर
अदालत ने कहा कि पूर्व अधिकारी ने न्यायाधीश के खिलाफ निजी हमले भी किए थे। न्यायाधीश रामचंद्रन ने कहा कि पूर्व अधिकारी के खिलाफ अदालत की अवमानना अधिनियम के तहत तत्काल कार्रवाई शुरू करने से पहले उन्हें अदालत में पेश होने और यह बताने के लिए कहा था कि हम कहां पर गलत हैं। लेकिन वह अदालत के सामने पेश नहीं हुए।
पूर्व अधिकारी के पेश न होने पर अदालत ने सुनवाई के दौरान उन्हें कायर करार दिया। न्यायाधीश ने कहा, 'आज के समय की विडंबना यह है कि व्यस्त लोगों को लगता है कि वे सोशल मीडिया पर किसी भी विषय पर बेहद कड़े शब्दों में टिप्पणियां कर सकते हैं, मनमाने बयान दे सकते हैं और इसके लिए उन्हें किसी को कोई भी जवाब नहीं देना होगा।
पेश होने को कहा गया तो अदालत का मजाक उड़ाया और फासीवादी बताया
उन्होंने कहा, 'सोशल मीडिया भले और योग्य लोगों के हाथों में अच्छा है। लेकिन, कुछ के लिए यह उनकी निरंकुश भावनाओं को व्यक्त करने के लिए बिना नियमों का एक खेल का मैदान है।' हाईकोर्ट ने कहा कि पूर्व न्यायिक अधिकारी से जब पेश होने को कहा गया, तब उन्होंने फिर से अदालत का मजाक उड़ाते हुए जवाब दिया और इसे 'फासीवादी' कहा।
न्यायाधीश रामचंद्रन ने कहा, 'इस तरह परिस्थिति स्पष्ट है। इस व्यक्ति की मानसिकता शून्यवादी (नाइलीस्टिक) है...।' अदालत ने इस टिप्पणी के साथ पूर्व न्यायिक अधिकारी को जारी समन खारिज कर दिया और हाईकोर्ट की रजिस्ट्री को मुख्य न्यायाधीश से आवश्यक आदेश प्राप्त कर उनके खिलाफ कानून के मुताबिक कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
Deepa Sahu
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