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कोच्चि KOCHI : केरल उच्च न्यायालय ने कहा है कि लोकतांत्रिक देश में यदि प्रेस की स्वतंत्रता नहीं होगी तो यह लोकतंत्र का अंत होगा। न्यायमूर्ति पी वी कुन्हीकृष्णन ने कहा कि लोगों को पता होना चाहिए कि क्या सच है और क्या झूठ। न्यायालय ने पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी के कार्यालय के पूर्व कर्मचारी और सौर घोटाले के आरोपी जोप्पन का बयान दर्ज करने की कोशिश करने के लिए दो पत्रकारों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों को खारिज करते हुए यह टिप्पणी की। जोप्पन जेल में बंद था।
न्यायालय ने कहा कि लोकतांत्रिक देश में प्रेस की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। अंग्रेजी लेखक और नाटककार एडवर्ड बुल्वर-लिटन ने 1839 में अपने नाटक 'रिचेल्यू' के लिए लिखा था, 'कलम तलवार से अधिक शक्तिशाली है', क्योंकि इसमें लोगों के विचार बदलने और दुनिया को आकार देने की शक्ति है। हालांकि, कलम का उपयोग करते समय मीडिया को अत्यधिक सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि रिपोर्टिंग में एक छोटी सी भी गलती व्यक्ति की निजता या जनता को दिए गए संवैधानिक अधिकारों पर असर डाल सकती है। अदालत ने कहा कि जेल अधिकारियों के हस्तक्षेप के कारण कोई रिकॉर्डिंग नहीं हो पाई। याचिकाकर्ताओं का काम केवल समाचार प्राप्त करने का था और कानून का उल्लंघन करने का कोई जानबूझकर किया गया कार्य नहीं था।
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Kiran
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