केरल
केरल हाईकोर्ट ने सिल्वरलाइन सेमी हाई स्पीड ट्रेन प्रोजेक्ट पर लगी रोक हटाई
Deepa Sahu
14 Feb 2022 6:55 AM GMT
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केरल हाईकोर्ट की खंडपीठ ने 'सिल्वरलाइन सेमी-हाईस्पीड-रेल प्रोजेक्ट पर लगी रोक हटा दी है।
केरल हाईकोर्ट की खंडपीठ ने 'सिल्वरलाइन सेमी-हाईस्पीड-रेल प्रोजेक्ट पर लगी रोक हटा दी है। हाईकोर्ट ने इस बारे में एकल पीठ का फैसला पलट दिया। एकल पीठ ने प्रोजेक्ट की सर्वे प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। सिल्वरलाइन सेमी-हाईस्पीड-रेल प्रोजेक्ट केरल सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है।
खंडपीठ के समक्ष केरल सरकार ने एकल पीठ के फैसले को चुनौती दी थी। बड़ी पीठ ने विस्तृत परियोजना रिपोर्ट पेश करने के एकल पीठ के निर्देश को भी खारिज कर दिया। इस प्रोजेक्ट में केरल के कोसरगोद को राजधानी तिरुवनंतपुरम से जोड़ा जाएगा। राज्य सरकार व रेलवे मिलकर एक सेमी हाई-स्पीड रेलवे कॉरिडोर का निर्माण करेंगे।
प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण की मंजूरी दी जा चुकी है। इस परियोजना का मकसद राज्य के उत्तरी और दक्षिणी छोर के बीच यात्रा के समय को कम करना है। 63,941 करोड़ रुपये की अनुमानित परियोजना को सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा सरकार का सबसे बड़ा बुनियादी ढांचागत उपक्रम माना जा रहा है। परियोजना के कारण नौ हजार भवन गिराए जाएंगे और करीब 10 हजार परिवार विस्थापित होंगे।
529 किमी लंबी रेलवे लाइन का प्रस्ताव
इसके तहत 529.45 किलोमीटर लंबी लाइन के निर्माण का प्रस्ताव है। इससे केरल के 11 जिले शामिल होंगे। प्रोजेक्ट पूरा होने पर कासरगोद से तिरुवनंतपुरम तक 200 किमी/ घंटा की रफ्तार से चलने वाली ट्रेनों में चार घंटे से भी कम समय में यात्रा की जा सकती है। अभी ट्रेनों से यह दूरी तय करने में करीब 12 घंटे लगते हैं। केरल रेल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (KRDCL) के इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए 2025 तक का समय निर्धारित किया गया है। KRDCL या K-Rail, केरल सरकार और केंद्रीय रेल मंत्रालय के बीच एक संयुक्त उद्यम है।
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