केरल

केरल हाई कोर्ट ने खारिज की जासूसी केस में नांबी नारायणन को गलत तरीके से फंसाने वाले पुलिस के एक पूर्व अधिकारी की याचिका

Gulabi
15 Nov 2021 10:24 AM GMT
केरल हाई कोर्ट ने खारिज की जासूसी केस में नांबी नारायणन को गलत तरीके से फंसाने वाले पुलिस के एक पूर्व अधिकारी की याचिका
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जासूसी केस में नांबी नारायणन को गलत तरीके से फंसाने वाले पुलिस के एक पूर्व अधिकारी की याचिका खारिज

लैंड डील से CBI जांच प्रभावित करने का दावा करने वाली याचिका खारिजकेरल हाई कोर्ट (Kerala High Court) ने 1994 में जासूसी के एक मामले में इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नांबी नारायणन (Nambi Narayanan) को गलत तरीके से फंसाने वाले पुलिस के एक पूर्व अधिकारी की याचिका सोमवार को खारिज कर दी. इस याचिका में आरोप लगाया गया था कि नांबी नारायणन ने उनके खिलाफ दर्ज मामले में सीबीआई की जांच को प्रभावित किया था. केरल पुलिस के पूर्व अधिकारी एस विजयन ने आरोप लगाया था कि नांबी नारायणन ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के तत्कालीन जांच अधिकारियों के साथ करोड़ों रुपए का भूमि सौदा कर एजेंसी की जांच को प्रभावित किया था.

न्यायमू्र्ति आर नारायण पिशारदी ने एस विजयन की याचिका खारिज कर दी. विस्तृत आदेश की प्रतीक्षा है. विजयन और केरल के 17 अन्य पूर्व पुलिस और आईबी के अधिकारियों के खिलाफ 1994 में नांबी नारायणन और कुछ अन्य को कथित तौर पर झूठे तरीके से फंसाने के आरोप में सीबीआई की जांच जारी है. विजयन ने हाई कोर्ट के सामने तर्क दिया था कि उन्होंने निचली अदालत के सामने तमिलनाडु के तिरुनेलवेली जिले में कई एकड़ भूमि के ऋणभार प्रमाण-पत्र रखे थे, जो नांबी नारायणन या उनके बेटे को पावर ऑफ अटॉर्नी के धारकों के रूप में दिखाते हैं.
उन्होंने आरोप लगाया था कि ये जमीनें सीबीआई अधिकारियों को बेची गई और तर्क दिया कि ये सामग्री वैज्ञानिक और एजेंसी के अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के तहत निचली अदालत की ओर से जांच का आदेश देने के लिए पर्याप्त है. हालांकि हाई कोर्ट ने कहा था कि ऋणभार प्रमाण पत्र भूमि की बिक्री को साबित नहीं करते हैं और विजयन को वास्तविक बिक्री विलेख दिखाने के लिए कहा. हाई कोर्ट ने ये भी कहा था कि निचली अदालत को जांच का आदेश देने के लिए मुकदमा चलाने की मंजूरी की भी आवश्यकता होगी.
2019 में मिला था पद्मभूषण
साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से नांबी नारायणन को करीब 70,000 डॉलर मुआवजा अदा करने का फैसला किया. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केरल सरकार आठ हफ्तों के अंदर ये जुर्माना अदा करे. सुप्रीम कोर्ट के आदेश से अलग केरल सरकार ने उन्‍हें 1.3 करोड़ रुपए बतौर मुआवजा देने का फैसला किया. साल 2019 में नांबी नारायणन को देश के तीसरे सर्वोच्‍च नागरिक सम्‍मान पद्मभूषण से सम्‍मानित किया गया था.
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