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कोच्चि (आईएएनएस)। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने 'न्यूज़क्लिक' के खिलाफ की गई कार्रवाई के लिए दिल्ली पुलिस की आलोचना की थी। इसके एक दिन बाद गुरुवार को केरल हाईकोर्ट ने पॉपुलर ऑनलाइन पोर्टल 'मरुनादान मलयाली' के खिलाफ कार्रवाई के लिए केरल पुलिस की निंदा की।
इस साल जून में राज्य की राजधानी में 'मरुनादन मलयाली' के दफ्तर से लैपटॉप और डेस्कटॉप कंप्यूटरों को जब्त कर लिया गया तथा कार्यालय को सील कर दिया गया।
केरल पुलिस द्वारा सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त करने के बाद पोर्टल के एक अधिकारी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। माकपा विधायक पीवी श्रीनिजिन की एक शिकायत के आधार पर यह मामला दर्ज किया गया था।
एर्नाकुलम पुलिस ने एससी/एसटी अत्याचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया। इसके संपादक शाजन स्करियाह को भी कुछ मौकों पर अन्य मामलों में दबाव का सामना करना पड़ा, क्योंकि वह अपने समाचार पोर्टल पर विजयन और उनकी सरकार के खिलाफ मजबूत रुख अपनाने के लिए जाने जाते हैं।
गुरुवार को अदालत ने पुलिस से पूछा कि एससी/एसटी अत्याचार अधिनियम के तहत दर्ज मामले में सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को जब्त करने का उसके पास क्या कारण है।
याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया कि इतने महीने बीत जाने के बाद भी पुलिस की ओर से कोई आगामी कार्रवाई नहीं की गई।
इसके बाद अदालत ने पुलिस को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि जब्त की गई सभी सामग्री एक सप्ताह के भीतर वापस कर दी जाए। श्रीनिजिन भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश केजी बालाकृष्णन के दामाद हैं।
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