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कोच्चि: केरल हाई कोर्टने यौन उत्पीड़न के मामले में लेखक व सामाजिक कार्यकर्ता 'सिविक' चंद्रन को दी गई अग्रिम जमानत बृहस्पतिवार को रद्द कर दी.
न्यायमूर्ति ए. बदरुद्दीन ने अभियोजन पक्ष और अनुसूचित जनजाति समुदाय से संबंध रखने वाली शिकायतकर्ता की अपील पर, चंद्रन को अग्रिम जमानत देने के सत्र अदालत के आदेश को रद्द कर दिया. हाई कोर्टने आरोपी को पूछताछ के लिए सात दिन में जांच अधिकारी के समक्ष आत्मसमर्पण करने और जरूरत पड़ने पर चिकित्सा जांच कराने का निर्देश दिया.
अदालत ने दोनों मामलों में अग्रिम जमानत दी थी:
चंद्रन यौन उत्पीड़न के दो मामलों में आरोपी हैं. अप्रैल में अनुसूचित जनजाति समुदाय की एक लेखिका ने यहां एक पुस्तक प्रदर्शनी के दौरान चंद्रन पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. दूसरा मामला एक युवा लेखिका ने दर्ज कराया था. लेखिका ने फरवरी 2020 में शहर में एक पुस्तक प्रदर्शनी के दौरान उन पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. चंद्रन को एक ही सत्र अदालत ने दोनों मामलों में अग्रिम जमानत दी थी.
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