केरल
नाबालिग लड़की को मुआवजे को लेकर केरल सरकार की रुख, हाईकोर्ट ने कहा- 'क्या गुगली है'
Deepa Sahu
20 Dec 2021 4:55 PM GMT
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केरल हाई कोर्ट ने एक नाबालिग लड़की और उसके पिता को अपमानित किए जाने के मामले में मुआवजे को लेकर राज्य सरकार के रुख को गुगली करार दिया।
केरल हाई कोर्ट ने एक नाबालिग लड़की और उसके पिता को अपमानित किए जाने के मामले में मुआवजे को लेकर राज्य सरकार के रुख को गुगली करार दिया। मामला यह था कि एक महिला पिंक पुलिस ऑफिसर ने अगस्त में एक पिता और उसकी बेटी पर अपना फोन चोरी करने का आरोप लगाया था। लड़की की ओर से मुआवजे की मांग को लेकर यह मामला अदालत पहुंचा। अब मुआवजे के सवाल पर राज्य सरकार ने अदालत से कहा कि इस मामले में लड़की को अपमानित किए जाने का रिकॉर्ड में कोई सबूत नहीं है।
अदालत ने कहा था, मुआवजे की हकदार है लड़की
राज्य सरकार का ताजा रुख पिछले हफ्ते अदालत की उस टिप्पणी के जवाब में आया है जिसमें कहा गया था कि लड़की सार्वजनिक कानून के तहत मुआवजे की हकदार है। अदालत ने सरकार से यह सवाल किया था कि वह कितनी राशि की पेशकश करेगी। अदालत के अवलोकन और सवाल के जवाब में राज्य सरकार ने कहा कि रिकॉर्ड में कोई सामग्री नहीं है जिससे पता चलता हो कि पुलिस अधिकारी द्वारा लड़की को रोका या अपमानित किया गया था और उसके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन किया गया था।
राज्य सरकार के जवाब से अदालत हैरान
सरकार के इस जवाब से हैरान अदालत ने कहा कि न तो राज्य और न ही पुलिस को इस तरह का रुख अपनाना चाहिए था। महिला पुलिस अधिकारी ने अपने बयान में स्वीकार किया था कि उसने अपना फोन बरामद होने तक पिता और बेटी को रोका था। अदालत ने कहा कि महिला अधिकारी ने यह भी स्वीकार किया था कि भीड़ जमा होने से पहले ही लड़की रोने लगी थी। लेकिन पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) द्वारा दायर हलफनामे में कहा गया कि लड़की ने वहां मौजूद लोगों द्वारा उपहास सुनने के बाद रोना शुरू किया था। अदालत ने कहा कि आप (राज्य) प्रतिवादी 4 (महिला पुलिस अधिकारी) द्वारा सब कुछ स्वीकार करने के बाद ऐसी बहस कर रहे हैं।
अदालत ने कहा, आपके (राज्य) अनुसार बच्ची को अपमानित नहीं किया गया था और वह भीड़ द्वारा उपहास के कारण रोने लगी थी। राज्य एक नया स्पिन बना रही है। यह एक अच्छी स्पिन है, एक गुगली है। एक अलग ही रंग देने की कोशिश हो रही है कि रिकॉर्ड के मुताबिक ऐसी कोई घटना ही नहीं हुई है। मैंने कुछ चीजों को हल्के में लिया। मुझे लगा कि आप (राज्य) सहमत हैं। मैंने यही गलती की।
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