केरल

केरल के स्वतंत्रता सेनानी अय्यप्पन पिल्लई का निधन, 107 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

Gulabi
5 Jan 2022 8:39 AM GMT
केरल के स्वतंत्रता सेनानी अय्यप्पन पिल्लई का निधन, 107 साल की उम्र में ली अंतिम सांस
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107 साल की उम्र में ली अंतिम सांस
केरल के स्वतंत्रता सेनानी, जाने-माने वकील और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बुजुर्ग नेता के अय्यप्पन पिल्लई का उम्र संबंधी बीमारियों के कारण तिरुवनंतपुरम में निधन हो गया. वह 107 साल के थे. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन समेत कई नेताओं ने निधन पर शोक जताया है.
अय्यप्पन पिल्लई के पारिवारिक सूत्रों ने बुधवार को बताया कि वह आयुजनित बीमारियों के कारण पिछले कुछ समय से अस्वस्थ थे और उनका यहां एक निजी अस्पताल में उपचार चल रहा था.
सामाजिक-सांस्कृतिक क्षेत्र की प्रमुख हस्ती रहे पिल्लई
केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम के सामाजिक-सांस्कृतिक क्षेत्र की एक प्रमुख हस्ती रहे पिल्लई सभी राजनीतिक दलों के लिए सम्मानित व्यक्ति थे और वह देश के बार एसोसिएशन के सबसे वरिष्ठ सदस्यों में से एक थे. पिल्लई तिरुवनंतपुरम निगम के पहले पार्षदों में से एक थे.
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रशंसक पिल्लई ने 'भारत छोड़ो आंदोलन' में सक्रिय भूमिका निभाई थी. महात्मा गांधी की सलाह पर ही पिल्लई ने छोटी उम्र में ही त्रावणकोर की तत्कालीन रियासत में सार्वजनिक सेवा के क्षेत्र में कदम रखा.
वह त्रावणकोर राज्य कांग्रेस के समर्थक थे. उन्हें कांग्रेस के नेताओं ने कई मौकों पर शाही प्रशासन के सामने लोगों की शिकायतों को रखने की जिम्मेदारी सौंपी थी. पिल्लई बाद में प्रजा समाजवादी दल और फिर भाजपा में शामिल हो गए. पिल्लई स्वतंत्रता के बाद किसी भी चुनाव में मतदान के अपने लोकतांत्रिक अधिकार का उपयोग करने से नहीं चूकने वाले व्यक्ति होने के कारण कुछ वर्ष पहले सुर्खियों में आए थे.
भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ें लेकिन जीत नहीं सके
उन्होंने समाचार एजेंसी 'पीटीआई-भाषा' को पहले दिए एक साक्षात्कार में बताया था कि उन्होंने पहला वोट त्रावणकोर में 'जिम्मेदार सरकार' की संविधान सभा के प्रतिनिधियों का चयन करने के लिए फरवरी 1948 को डाला था. इस सभा को बाद में नेताओं के अनुरोध पर विधान सभा की शक्तियां दी गईं. पिल्लई ने कहा था, 'मैंने किसी मतदान केंद्र पर अपना पहला वोट यहां पंगोडे में त्रावणकोर स्टेट फोर्स के सैन्य शिविर में डाला था.'
उन्होंने बताया था कि तब से उन्होंने हर मतदान में मताधिकार का इस्तेमाल किया. उन्होंने 1980 के दशक में तिरुवतनंतपुरम से भाजपा के टिकट पर चुनाव भी लड़ा था, लेकिन वह जीत नहीं सके थे.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अय्यप्पन पिल्लई के निधन पर शोक जताया. केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने पिल्लई के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि एक प्रमुख सामाजिक-राजनीतिक सक्रियतावादी होने के अलावा उन्होंने एक जाने माने वकील के रूप में भी अपनी छाप छोड़ी. भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने पिल्लई के निधन पर शोक व्यक्ति करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल लॉकडाउन के दौरान पिल्लई से फोन पर बात की थी.
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