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केवल एक गोली चलाई गई
जनता से रिश्ता वेबडेस्क : पिछले सप्ताह पेशेवरों की एक टीम एक निर्जन जमीन का लेखा जोखा कर रही थी तभी उन्हें कुछ सामान मिला जो बंदूक की गोलियों की तरह दिख रहा था। शुरुआत में उन्हें लगा कि यह किसी धातु (metal) से बनी मोतियां (beads) हैं लेकिन वहां मौजूद मोटर ट्रांसपोर्ट के एक अधिकारी ने इसकी सही पहचान बंदूक की गोलियों यानि बुलेट के तौर पर की। इसके बाद स्थानीय पुलिस को सूचित कर दिया गया। मंगलवार को बम निरोधक दस्ते द्वारा किए गए विस्तृत जांच में उन्हें एक पैकेट मिला और उसमें से 255 गोलियां (bullets) मिलीं। आगे की जांच में राइफल क्लब द्वारा इस्तेमाल किए गए टार्गेट को बरामद किया और पता चला कि केवल एक गोली चलाई गई थी।
पुलिस की शुरुआती जांच के बाद ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि ये बुलेट किसी के द्वारा यूं ही रखी गई होंगी।निर्जन स्थान पर 266 जिंदा कारतूस मिलने के मामले में जांच कर रही केरल पुलिस (Kerala Police) अब पड़ोसी राज्य कर्नाटक पहुंच गई है। ये कारतूस कोझीकोड में नेल्लीकोड बाइपास रोड के करीब ही बरामद किया गया था। विशेषज्ञों के अनुसार, इन बुलेट का इस्तेमाल .२२ राइफलों में किया जाता है। ये राइफल सामान्य तौर पर राइफल क्लब और पुलिस द्वारा ट्रेनिंग के दौरान किया जाता है। वैज्ञानिक जांच में पता चला कि भारत की तीन कंपनियों में इन जिंदा कारतूसों को बनाया गया है और इसमें से एक विदेशी उत्पाद है। कुछ बुलेट 15 साल पुराने हैं वहीं कुछ पांच साल पुराना। सूत्रों की मानें तो जांच टीम ने निर्माताओं की पहचान कर ली है और जल्द ही उनसे संपर्क कर कंपनी के ग्राहकों (clients) की लिस्ट लेंगे। इसके अलावा पुलिस उस जगह पर लगे CCTV के फुटेज भी खंगाल रही जहां से 200 से अधिक बुलेट मिले हैं
ताकि कुछ और सुराग मिल सके। बता दें कि जांच टीम दोनों राज्यों में राइफल क्लब (Rifle Clubs) को भी घेरे में ले रही है।
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