केरल

किसी राज्य का नाम,आखिर कैसे बदला जाता है, अपनानी पड़ती है ये प्रक्रिया

Manish Sahu
9 Aug 2023 6:49 PM GMT
किसी राज्य का नाम,आखिर कैसे बदला जाता है, अपनानी पड़ती है ये प्रक्रिया
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केरल: केरल विधानसभा ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव अपनाया जिसमें केंद्र से भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची और सभी आधिकारिक रिकॉर्ड में राज्य का नाम बदलकर 'केरलम' करने का आग्रह किया गया। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने बुधवार को विधानसभा में प्रस्ताव पेश किया क्योंकि कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ विपक्ष ने इसमें कोई संशोधन या संशोधन का सुझाव नहीं दिया।
कैसे बदला जाता है किसी राज्य का नाम
किसी भी राज्य का नाम बदलने के लिए प्रक्रिया का पालन करना होता है। भारत के किसी भी राज्य का नाम बदलने का जिक्र संविधान के आर्टिकल तीन व चार में है। किसी भी राज्य का नाम बदलने के लिए सबसे पहले संसद या राज्य की विधानसभा से इस प्रक्रिया की शुरुआत की जाती है। इसके बिना ये प्रक्रिया प्रारंभ भी नहीं की जा सकती है। बिल लाने के पहले राष्ट्रपति द्वारा बिल को संबंधित राज्य की असेंबली को भेजकर राय मांगते हैं। इसके लिए एक समयसीमा निर्धारित होती है। बिल को संसद के दोनों सदनों से पास कराने के बाद राष्ट्रपति के पास एप्रुवल के लिए भेज दिया जाता है। राष्ट्रपति के एप्रुवल के बाद राज्य का नाम बदल जाता है।
मलयालम में कहा जाता है 'केरलम'
मुख्यमंत्री ने कहा कि मलयालम भाषा में राज्य का नाम केरलम है। 1 नवंबर, 1956 को भाषा के आधार पर राज्यों का गठन किया गया था। राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम के समय से ही मलयालम भाषी समुदायों के लिए एक संयुक्त केरल बनाने की आवश्यकता दृढ़ता से उभर रही है। लेकिन है संविधान की पहली अनुसूची में हमारे राज्य का नाम केरल के रूप में लिखा गया। यह विधानसभा सर्वसम्मति से केंद्र सरकार से संविधान के अनुच्छेद 3 के तहत इसे केरलम के रूप में संशोधित करने के लिए तत्काल कदम उठाने का अनुरोध करती है। यह सदन यह भी अनुरोध करता है कि हमारी भूमि का नाम संविधान की आठवीं अनुसूची में उल्लिखित सभी भाषाओं में 'केरलम' रखा जाए।
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