केरल

दिल दहला देने वाला मामला : 17 साल तक इंतजार करने के बाद आखिरकार टूट गया एक पिता का सब्र

Admin2
24 May 2022 4:59 AM GMT
दिल दहला देने वाला मामला :  17 साल तक इंतजार करने के बाद आखिरकार  टूट गया एक पिता का सब्र
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साल 2005 में लापता हुआ था बेटा

जनता से रिश्ता वेबडेस्क : लापता बेटे का 17 साल तक इंतजार करने के बाद आखिरकार एक पिता का सब्र टूट गया और उसने अपनी जान दे दी। दिल दहला देने वाला यह मामला केरल (Kerala) का है। अलाप्पुझा का रहने वाला सात साल का बच्चा घर के पास एक मैदान में खेलने गया था और लापता हो गया। 18 मई को इस घटना को 17 साल हो गए। यह मामला केरल के उन मामलों में शामिल है, जो एक अनसुलझी कहानी बनकर रह गई। मासूम को खोजने के लिए CBI की टीम लगी। काफी दिनों तक जांच भी चलती रही लेकिन हाथ कुछ नहीं लगा और अंत में जांच एजेंसी ने कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दे दी।मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मृतक का नाम राजू था। 17 साल पहले 18 मई 2005 में उसका सात साल का बेटा राहुल लापता हो गया था।

तब राजू कुवैत में जॉब करता था। बेटे के गायब होने की खबर जैसे ही उसे मिली, उसने नौकरी छोड़ी दी और बेटे को खोजने वापस केरल लौट आया। काफी दिन तक जब बेटा नहीं मिला तो राजू और उसकी पत्नी मिनी बेटे का इंतजार करते रहे। कभी वे फोन के पास दौड़ककर जाते तो कहीं दरवाजे पर आहट सुन, कि कहीं कोई बेटे की खबर लेकर आया होगा लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ। इसके पांच साल बाद उनके घर एक बेटी पैदा हुई, जिसका नाम शिवानी रखा।

अपने बेटे राहुल की तलाश में अधूरे सपने के साथ 22 मई को ए आर राजू ने अपने जीवन का अंत कर लिया। पुलिस ने पुष्टि की कि यह आत्महत्या का मामला था, हालांकि वे अभी तक कारण का पता नहीं लगा पाए हैं। पुलिस ने उनकी आत्महत्या को बेटे के मामले से नहीं जोड़ा है।द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, परिवार के पड़ोसी एम एस मुजीब ने कहा, "राजू नौकरी की तलाश में था क्योंकि परिवार उसकी पत्नी मिनी की छोटी कमाई पर चल रहा था,
जो एक सहकारी फर्म के साथ पार्ट टाइम जॉब करती हैं। वह हाल ही में एक इंटरव्यू में भाग लेने के लिए कोच्चि गया था।'' राजू 52 वर्ष के थे।भले ही सीबीआई ने मामले को बंद कर दिया था, लेकिन उन्हें अच्छी खबर की उम्मीद थी। उन्होंने राहुल की तस्वीरें इस उम्मीद में रखीं कि अगर उनका पता लगाया गया तो वे तस्वीरें उन्हें लड़के की पहचान करने में मदद करेंगी। राजू अपने बेटे की तलाश में पूरे केरल में कई स्थानों पर गया।''
2009 में, सीबीआई ने मामले को बंद करने की अनुमति के लिए अदालत का रुख किया, लेकिन उसे "वैज्ञानिक जांच" करने के लिए प्रेरित किया गया। कुल मिलाकर, एजेंसी ने राहुल के पड़ोस में दो दर्जन से अधिक लोगों से पूछताछ की और यहां तक कि एक पड़ोसी रोजो जॉर्ज का पॉलीग्राफ परीक्षण भी कराया।2014 में, सीबीआई ने कोच्चि में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष अपनी क्लोजर रिपोर्ट प्रस्तुत की। रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया गया। रविवार को राजू ने अपने घर के अंदर फांसी लगा ली, जब उसकी पत्नी और बेटी बाहर थे।
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