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अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि यह राज्य के कई जिलों में फैल सकता है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क :टोमैटो फीवर को टोमैटो फ्लू (Tomato Flu) के नाम से भी जाना जाता है. इसके मामले 5 साल से कम उम्र के बच्चों में देखे जाते हैं. हालांकि, अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह वायरल फीवर है या चिकनगुनिया या डेंगू के बुखार का परिणाम है।इसे टोमैटो फीवर (Tomato fever) नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि बच्चों की स्किन पर पड़ने वाले छाले लाल और गोल हैं. कई बार इनका आकार टमाटर के बराबर भी हो जाता है. इसके सबसे ज्यादा मामले कोल्लम जिले में आए हैं, लेकिन स्वास्थ्य अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि यह राज्य के कई जिलों में फैल सकता है
इस फीवर का सबसे ज्यादा असर बच्चों की स्किन पर दिखता है. स्किन पर लाल रंग के छाले, चकत्ते, खुजली और मुंह सूखने जैसे लक्षण दिखते हैं. बीमार बच्चों के शरीर पर टमाटर के आकार के छाले या चकत्ते भी पड़ सकते हैं. तेज बुखार के साथ शरीर में दर्द, जोड़ों में सूजन और थकान भी टोमैटो फीवर के लक्षण हैं. इसके अलावा हाथ, घुटने और कूल्हे का रंग उड़ना भी इसका इशारा करता है. बुखार के मामले में शरीर में पानी की कमी हो सकती है. इसलिए इसके लक्षणों पर नजर रखना जरूरी है.
बच्चों में ऐसा कोई भी लक्षण दिखने पर सीधे डॉक्टर से सम्पर्क करें. संक्रमित बच्चे में पानी की कमी बिल्कुल न होने दें. थोड़ी-थोड़ी देर में उसे पानी पिलाती रहें. अगर उसे नहलाएं तो गुनगुने पानी का ही इस्तेमाल करें.शरीर पर पड़ने वाले चकत्ते या छालों को न खरोंचने न दें. साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें. अपने बच्चे को किसी टोमैटो फीवर से संक्रमित मरीज से सम्पर्क में आने से बचाएं. अगर बच्चा संक्रमित है तो उसे आराम करने के लिए कहें. बच्चा आराम करे, इसलिए उस पर नजर बनाए रखें.
Admin2
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