रत्नागिरी से एलाथुर ट्रेन आगजनी के संदिग्ध शाहरुख सैफी की गिरफ्तारी के बाद सूचना लीक होने के आरोपों के मद्देनजर पूर्व आतंकवाद विरोधी दस्ते के प्रमुख आईजी पी विजयन को सेवा से निलंबित कर दिया गया है।
ऐसे आरोप थे कि सैफी की गिरफ्तारी और उसे राज्य वापस लाने वाली पुलिस टीम की यात्रा योजना लीक हो गई। शक की सूई विजयन की ओर उठी थी, जो उस समय एटीएस के मुखिया थे।
लीक के बाद, मीडिया ने उस पुलिस टीम का पीछा किया जो सैफी को राज्य ले जा रही थी। शीर्ष अधिकारियों के अनुसार, इसने आरोपी और पुलिस की सुरक्षा से समझौता किया था। सूत्रों के मुताबिक, जांच की सीधी निगरानी करने वाले कानून व्यवस्था एडीजीपी एमआर अजीत कुमार और विजयन के बीच मामले को लेकर अनबन हो गई थी। घटना की सूचना एडीजीपी ने राज्य पुलिस प्रमुख को दी। मुख्यमंत्री कार्यालय ने भी मामले में हस्तक्षेप किया था और रिपोर्ट मांगी थी।
निलंबन आदेश में कहा गया था कि विजयन और एक सब-इंस्पेक्टर के पुलिस से संपर्क करने के सबूत थे जो सैफी को वापस राज्य ले जा रहे थे। सरकार ने पहले विजयन को एटीएस से हटा दिया था और उन्हें नई पोस्टिंग देने से इनकार कर दिया था।