x
केरल | दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी को संत की उपाधि देने की लोगों की मांग को लेकर राज्य में सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और विपक्षी पार्टी कांग्रेस में राजनीतिक लड़ाई शुरू हो गई है। चांडी की पिछले महीने 18 तारीख को कैंसर की वजह से बेंगलुरु के एक निजी अस्पताल में मौत हो गई थी। कांग्रेस के अनुभवी नेता रहे चांडी राज्य के दो बार मुख्यमंत्री रहे और उन्हें यहां उनके घर के पास स्थित गिरिजाघर में दफनाया गया। चांडी को जहां दफनाया गया है वहां पर समाज के हर तबके के लोग आ रहे हैं और कुछ श्रद्धालु और पार्टी कार्यकर्ता उन्हें संत की उपाधि देने की मांग कर रहे हैं। हालांकि, चांडी मलंकारा ऑर्थोडॉक्स सीरियन चर्च का अनुसरण करते थे जिसमें कैथोलिक चर्च की तरह आम लोगों को संत की उपाधि देने का इतिहास या परिपाटी नहीं है।कैथोलिक चर्च ने मदर टेरेसा सहित कई लोगों को संत की उपाधि से सम्मानित किया है।
चांडी को संत की उपाधि देने के मुद्दे ने मंगलवार को तब राजनीतिक रूप ले लिया जब माकपा नेता और पार्टी की राज्य समिति के सदस्य के अनिल कुमार सामने आए और लोगों से पूर्व मुख्यमंत्री को ‘मिथक’ नहीं बनाने का अनुरोध किया। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वी डी सतीशन को लिखे खुले पत्र में उन्होंने कहा कि चांडी मिथक नहीं थे बल्कि 18 जुलाई तक वास्तविकता थे। अनिल कुमार ने अपने पत्र में संदेह जताया कि चांडी को संत की उपाधि देने के पीछे कांग्रेस का राजनीतिक एजेंडा हैं और जिसके केंद्र में आगामी पुथुपल्ली उपचुनाव है जहां पर पांच सितंबर को मतदान होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस योजना के तहत चांडी की धार्मिक छवि का इस्तेमाल चुनावी फायदे के लिए करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने सतीशन पर आरोप लगाया कि एर्णाकुलम जिला कांग्रेस समिति द्वारा हाल में चांडी के लिए आयोजित शोक सभा में सतीशन ने संत की उपाधि को लेकर चर्चा की शुरुआत की।
वहीं, सतीशन ने अनिल कुमार का मखौल उड़ाते हुए कहा कि चांडी की यादें माकपा को परेशान करती हैं।उन्होंने आरोप लगाया कि मार्क्सवादी पार्टी ने चांडी का ‘शिकार’ किया और जब वह जिंदा थे तो कई बार मुकदमे से गुजरने को मजबूर किया। सतीशन ने कहा कि चांडी के खिलाफ सत्तारूढ़ दल और उसकी सरकार द्वारा कई मुकदमे दर्ज किए गए जिसमें उन्हें कई मुद्दों पर सूली पर चढ़ाने की कोशिश की गई। सतीशन ने कहा,‘‘मौजूदा विवाद से प्रतीत होता है कि वे (माकपा) चांडी की मौत के बाद भी उनसे भयभीत है।’’ इस बीच, संत की उपाधि पर चर्चा इतनी तेज हो गई है कि कई लोगों ने दावा किया है कि राहुल गांधी को ‘मोदी’ उपनाम से जुड़े मानहानि मामले में उच्चतम न्यायालय से दोषसिद्धि का स्थगन उनके चांडी की कब्र पर जाने और प्रार्थना करने से मिला।
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है जिसमें एक व्यक्ति इस संबंध में गवाही देता दिख रहा है। हाल में एक महिला ने दावा किया था कि चांडीकी कब्र पर जाने के बाद उसकी लॉटरी लगी।कारोबार की अच्छी संभावना को देखते हुए कई टूर ऑपरेटर और ट्रैवल एजेंट पहले ही पुथुपल्ली चर्च स्थित चांडी की कब्र पर जाने के लिए विशेष पैकेज की पेशकश कर चुके हैं। तिरुवनंतपुरम स्थित अट्टिंगल के एक टूर ऑपरेटर ने कहा कि चांडी की कब्र तक जाने के पैकेज को अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है।
Tagsजनता से रिश्ता न्यूज़जनता से रिश्ताआज की ताजा न्यूज़छत्तीसगढ़ न्यूज़हिंन्दी न्यूज़भारत न्यूज़खबरों का सिलसिलाआज का ब्रेंकिग न्यूज़आज की बड़ी खबरमिड डे अख़बारJanta Se Rishta NewsJanta Se RishtaToday's Latest NewsChhattisgarh NewsHindi NewsIndia NewsKhabaron Ka SisilaToday's Breaking NewsToday's Big NewsMid Day Newspaper
Harrison
Next Story