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लोग पूरम उत्सव के शुभ अवसर पर सावरकर की तस्वीर नहीं देखना चाहते हैं।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क : हिंदुत्व के प्रतीक माने जाने वाले वीडी सावरकर की तस्वीर को लेकर केरल में विवाद खड़ा हो गया है। त्रिशूर पूरम उत्सव समारोह के दौरान सावरकर की तस्वीर पर वाम समर्थकों और कांग्रेस नेताओं ने विरोध जाहिर किया है। हालांकि, मंदिर बोर्ड ने भी विरोध के बीच फोटो को हटाने का फैसला किया है। केरल के सबस बड़े दो दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत 10 मई से हो रही है।कार्यक्रम के आयोजकों में से एक परमेक्कावू मंदिर बोर्ड ने इतिहास की बड़ी हस्तियों की तस्वीरों के साथ छाते तैयार कराए थे। सावरकर के अलावा इनमें महात्मा गांधी, स्वामी विवेकानंद, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, सुभाष चंद्र बोस, सुब्रमण्यम भारती और मन्नाथु पद्मनाभन की तस्वीरें भी शामिल थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रविवार को छातों की प्रदर्शनी के दौरान कई वाम समर्थक संगठनों ने सावरकर की तस्वीर का विरोध किया था। मंदिर बोर्ड के अध्यक्ष सतीश मेनन ने सोमवार को कहा, 'हमने ऐसे छातों को हटाने का फैसला किया है। हम इसपर कोई विवाद नहीं चाहते हैं।' DYFI त्रिशूर जिला समिति के अध्यक्ष आरएल श्रीलाल ने कहा, 'यह स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और राष्ट्र के लिए उनकी सेवा का अपमान है।'
लेखकों और कलाकारों के वाम समर्थक संगठन पुरोगामना कला साहित्य संगम भी सावरकर की तस्वीर को कार्यक्रम में शामिल करने के खिलाफ उतर आया है। एक विज्ञप्ति में कहा गया कि लोग पूरम उत्सव के शुभ अवसर पर सावरकर की तस्वीर नहीं देखना चाहते हैं।
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