केरल
सहमति से बनाए गए यौन संबंध को रेप नहीं माना जा सकता: केरल हाईकोर्ट
Deepa Sahu
24 Nov 2022 3:21 PM GMT

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कोच्चि: केरल उच्च न्यायालय ने कहा है कि आपसी सहमति से यौन संबंध को बलात्कार की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता. इस मामले में बलात्कार का अपराध तभी दायर किया जा सकता है जब शादी का झूठा वादा करके व्यक्ति का यौन उत्पीड़न किया गया हो। कोर्ट ने कहा कि सहमति से संबंध बनाने के बाद शादी से इंकार करना रेप नहीं माना जा सकता।
अदालत का संदर्भ कोल्लम के पुनालुर के एक व्यक्ति के खिलाफ शादी का वादा करके बलात्कार के आरोप में दर्ज मामले को वापस लेने की याचिका में था। शिकायतकर्ता जो विवाहित है, फेसबुक के माध्यम से उस व्यक्ति से मिली और उन्होंने शादी करने का फैसला किया। शिकायतकर्ता बिना तलाक लिए अपने पति से अलग रह रही थी। पुनालुर पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई गई थी जिसमें कहा गया था कि उसने उस व्यक्ति के साथ शारीरिक संबंध बनाए लेकिन बाद में उसने उससे शादी करने से इनकार कर दिया। हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने पिछले साल जून में इसी तरह के एक मामले में जमानत दी थी।

Deepa Sahu
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