केरल

कांग्रेस नेता सुधाकरण और सतीशन जांच एजेंसियों की राडार पर, आगे राह आसान नहीं

Rani Sahu
13 Jun 2023 7:41 AM GMT
कांग्रेस नेता सुधाकरण और सतीशन जांच एजेंसियों की राडार पर, आगे राह आसान नहीं
x
तिरुवनंतपुरम् (आईएएनएस)| केरल में कांग्रेस नेताओं के. सुधाकरन और वी.डी. सतीसन की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं, क्योंकि जांच एजेंसियां अलग-अलग मामलों में दोनों पर शिकंजा कस रही हैं। सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस अध्यक्ष और वरिष्ठ लोकसभा सदस्य के. सुधाकरन और पांच बार के विधायक तथा वर्तमान में नेता प्रतिपक्ष वी.डी. सतीसन इस समय मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, जिनके पास गृह मंत्रालय भी है, की गुगली के सामने रॉन्ग फुट पर पकड़े गए हैं।
सतीशन अपने निर्वाचन क्षेत्र में गरीबों के लिए घर बनाने के लिए 2018 की बाढ़ के तुरंत बाद कथित रूप से विदेश से पैसा इकट्ठा करने के लिए सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के निशाने पर है।
हालांकि इस मामले में केरल हाईकोर्ट ने उन्हें बेदाग करार दिया था, माना जा रहा है कि कांग्रेस नेता द्वारा विजयन की खुली आलोचना के कारण कुछ अन्य मामलों के साथ इस मामले में भी एक बार फिर जांच शुरू हो गई है।
इसी तरह, विजयन के गृह नगर कन्नूर से ताल्लुक रखने वाले कांग्रेस नेता सुधाकरन 70 के दशक के उनके पुराने दुश्मन हैं जब वे दोनों अपने गृह जिले के एक कॉलेज में छात्र थे।
कई बार दोनों अपने कॉलेज के दिनों के किस्से सुनाते रहे हैं और इशारा करते हैं कि दोनों के बीच हमेशा रिश्तों में तलखी रही है। पिछले कुछ समय से सुधाकरन विजयन का मुकाबला करने का कोई मौका नहीं गंवा रहे हैं।
क्राइम ब्रांच पुलिस ने सोमवार को सुधाकरन के खिलाफ कथित धोखाधड़ी के मामले में केस दर्ज किया।
सुधाकरन के खिलाफ शिकायत यह थी कि अनूप नाम के एक व्यक्ति ने 2018 में अपने कोच्चि कार्यालय में जेल में बंद नकली एंटीक के डीलर मोनसन मावुंकल को 25 लाख रुपये का भुगतान किया था।
जब पैसे दिए जा रहे थे, तब सुधाकरन भी वहां मौजूद थे और उनसे मदद दिलाने का वादा कर 10 लाख रुपए ले लिए गए थे।
अपराध शाखा ने सुधाकरन को दूसरे आरोपी के रूप में नामित किया है और उन्हें बुधवार को जांच टीम के सामने पेश होने के लिए कहा है।
सतीसन और सुधाकरन दोनों ने लड़ाई को दुश्मन के खेमे में ले जाने का फैसला किया है।
लेकिन नाम न छापने की शर्त पर एक राजनीतिक विश्लेषक ने कहा, कांग्रेस के ये दोनों नेता कितने भी मजबूत क्यों न हों, उन्हें याद रखना चाहिए कि विजयन कोई ओमन चांडी या ए.के. एंटनी नहीं हैं। वह लोहा गर्म होने पर चोट करने का कोई मौका नहीं छोड़ते।
विश्लेषक ने कहा, इसलिए अगर सतीसन और सुधाकरन दोनों सावधानी से नहीं चलते हैं, तो वे मुसीबत में पड़ सकते हैं। कांग्रेस अपनी गुटबाजी के लिए जानी जाती है जबकि इसके विपरीत सीपीआई (एम) के पास एक उत्कृष्ट समर्थन प्रणाली है जो चौतरफा आक्रमण करती है और मुद्दों को जनता के बीच ले जाती है।
जब चांडी सौर घोटाले में पकड़े गए थे, तो उन्हें अपनी लड़ाई खुद लड़नी पड़ी थी। सतीसन और सुधाकरन के लिए भी यही मुसीबत है। भले ही दोनों के पास अदालत जाने का विकल्प है, लेकिन केवल समय ही बताएगा कि आखिरी हंसी किसकी होगी।
--आईएएनएस
Next Story