केरल
बच्चों को बिना RT-PCR टेस्ट रिपोर्ट के सबरीमाला मंदिर में मिलेगी एंट्री
Deepa Sahu
27 Nov 2021 3:22 PM GMT
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सबरीमाला मंदिर में प्रवेश के लिए अब बच्चों को आरटी-पीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट (RT-PCR Test Report) नहीं दिखानी होगी.
सबरीमाला मंदिर में प्रवेश के लिए अब बच्चों को आरटी-पीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट (RT-PCR Test Report) नहीं दिखानी होगी. केरल सरकार (Kerala Government) ने बच्चों को बिना कोरोना टेस्ट रिपोर्ट के सबरीमाला मंदिर (Sabarimala Temple) में जाने की अनुमति दे दी है. हालांकि व्यस्कों के लिए अभी भी पाबंदी जारी है. उन्हें मंदिर में एंट्री के लिए वैक्सीनेशन प्रमाणपत्र या आरटी-पीसीआर (RT-PCR) नेगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी, जो 72 घंटे से ज्यादा पुरानी नहीं होनी चाहिए.
केरल सरकार के आदेश में कहा गया है कि मंदिर में प्रवेश करने वाले लोगों को कोरोना नियमों का पालन करना होगा. मंदिर में आने वाले बच्चों के माता-पिता या व्यस्क लोगों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वह सैनिटाइजर, मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग समेत कोरोना के सभी नियमों का पालन कर रहे हैं. वह बच्चों के स्वास्थ्य के मुद्दे पर जवाबदेह हैं.
Children are allowed to go to Sabarimala temple without RT-PCR test report, says Kerala Govt
— ANI (@ANI) November 27, 2021
However, adults will require either full vaccination certificate or RTPCR negative certificate not older than 72 hours to enter the temple pic.twitter.com/9lujoHvnGu
लगभग दो हफ्ते पहले ही खोला गया है सबरीमाला मंदिर
सबरीमला स्थित भगवान अयप्पा मंदिर दो महीने तक चलने वाली वार्षिक तीर्थयात्रा के लिए 15 नवंबर को खोला गया है. निवर्तमान पुजारी वी के जयराज पोट्टी ने मुख्य पुजारी (तंत्री) कंडारू महेश मोहनरारू की उपस्थिति में मंदिर के गर्भगृह को खोला गया. अनुष्ठान पूजा के बाद, नए पुजारियों – सबरीमाला के लिए एन परमेश्वरन नंबूदरी और मलिकप्पुरम देवी मंदिर के लिए शभु नंबूदरी – ने कार्यभार संभाला.प्रसाद बनाने में अशुद्ध गुड़ का इस्तेमाल नहीं होने का अनुरोध, अदालत ने रिपोर्ट मांगी।
सबरीमाला स्थित भगवान अयप्पा मंदिर में वितरण के लिए 'अरावणा' और 'अप्पम' प्रसाद तैयार करने में 'हलाल गुड़' इस्तेमाल किये जाने की खबरों के बीच केरल हाईकोर्ट में बुधवार को एक याचिका दाखिल कर इसे तत्काल रोकने का अनुरोध किया गया है.
हाई कोर्ट ने गुरुवार तक विशेष आयुक्त, सबरीमाला से इस मुद्दे पर रिपोर्ट मांगी है. याचिकाकर्ता एस जे आर कुमार ने त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड (टीडीबी) और खाद्य सुरक्षा आयुक्तालय , केरल को ये निर्देश देने का अनुरोध किया कि 'सबरीमाला मंदिर में अशुद्ध हलाल गुड़ से बने 'अरावणा' और 'अप्पम' का वितरण तत्काल रोका जाए और नेवैद्यम या प्रसाद बनाने के लिए आगे इसका उपयोग नहीं किया जाए.'
अयप्पा मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को गुड़ और चावल से बना 'अरावणा' पायसम और 'अप्पम' प्रसाद दिया जाता है. यह विषय महत्वपूर्ण है क्योंकि मंदिर की दो महीने चलने वाली वार्षिक मंडलम-मकराविलाक्कू यात्रा शुरू हो गयी है और इस अवधि में हजारों श्रद्धालु यहां आएंगे. याचिका पर सुनवाई के दौरान टीडीबी और केरल के खाद्य सुरक्षा आयुक्तालय ने न्यायमूर्ति अनिल के नरेंद्रन तथा न्यायमूर्ति पी जी अजीत कुमार की पीठ को बताया कि 'उन्नियप्पम' और 'अरावणा' बनाने में इस्तेमाल होने वाले गुड़ की गुणवत्ता पम्पा की प्रयोगशाला में परखी जा रही है. उन्होंने अदालत में यह भी कहा कि दोनों मीठी वस्तुओं को श्रद्धालुओं को बांटने से पहले उनकी गुणवत्ता सन्निधानम की प्रयोगशाला में जांची जा रही है. उन्होंने कहा कि टीडीबी के सचिव की ओर से बयान और खाद्य सुरक्षा आयुक्तालय, केरल के निर्देश बृहस्पतिवार को अदालत में रखे जाएंगे. अदालत ने इन दलीलों के मद्देनजर सुनवाई 18 नवंबर को करना सूचीबद्ध किया.
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