कर्नाटक

पत्नी का वैवाहिक घर छोड़ना भरण-पोषण देने से इनकार करने का आधार नहीं : कर्नाटक हाईकोर्ट

Admin2
5 May 2022 1:04 PM GMT
पत्नी का वैवाहिक घर छोड़ना भरण-पोषण देने से इनकार करने का आधार नहीं : कर्नाटक हाईकोर्ट
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क :कर्नाटक हाईकोर्ट ने हाल ही में माना है कि यदि कोई पत्नी पति द्वारा किए गए दुर्व्यवहार के कारण वैवाहिक घर को छोड़कर चली जाती है, तो वह यह दावा नहीं कर सकता कि वह आपसी सहमति से घर से चली गई है और इस प्रकार वह भरण-पोषण की राशि का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी नहीं है। जस्टिस एम नागप्रसन्ना की पीठ ने सतीश एन नामक व्यक्ति की तरफ से दायर एक याचिका को खारिज करते हुए यह टिप्पणी की है। जिसने प्रतिवादी-पत्नी द्वारा उससे भरण-पोषण की मांग करने वाली कार्यवाही पर सवाल उठाया गया था।

याचिकाकर्ता और प्रतिवादी ने नवंबर 2016 में शादी की थी। प्रतिवादी-पत्नी ने दिसंबर 2020 में उसके खिलाफ एक शिकायत दर्ज की, जिसमें भारतीय दंड संहिता की धारा 498 ए, 504 रिड विद 34 के तहत दंडनीय अपराध का आरोप लगाया और बाद में सीआरपीसी की धारा 125 के तहत भरण-पोषण की मांग करते हुए एक आवेदन दायर किया। यह तर्क दिया गया कि याचिका सुनवाई योग्य भी नहीं है और फैमिली कोर्ट ने यह कहते हुए इन सबमिशन पर विचार करने से इनकार कर दिया है कि प्रतिवादी पत्नी को सुनने के बाद और भरण-पोषण के अनुदान के मामले पर विचार करते समय इन पर ध्यान दिया जाएगा। सीआरपीसी की धारा 125(4) का हवाला दिया गया, जिसमें कहा गया है कि कोई भी पत्नी इस धारा के तहत अपने पति से भत्ता प्राप्त करने की हकदार नहीं होगी यदि वह व्यभिचार में रह रही है.,या बिना किसी पर्याप्त कारण के, वह पति के साथ रहने से इनकार करती है, या यदि वे आपसी सहमति से अलग रह रहे हैं .
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