कर्नाटक
परीक्षा छोड़ने वालो को फिर मिलेगा दोबारा मौका? कर्नाटक के शिक्षा मंत्री ने दिया जवाब
Renuka Sahu
22 March 2022 2:25 AM GMT
x
फाइल फोटो
कर्नाटक के प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा मंत्री बी सी नागेश ने सोमवार को हिजाब विवाद को लेकर परीक्षा में शामिल नहीं होने वाली छात्राओं के लिए दोबारा परीक्षा आयोजित करने की संभावना से इनकार किया और कहा कि परीक्षा में अनुपस्थित रहने वाले छात्रों के लिए इस तरह का कोई नियम नहीं है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कर्नाटक (Karnataka) के प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा मंत्री बी सी नागेश ने सोमवार को हिजाब विवाद (Hijab Row) को लेकर परीक्षा में शामिल नहीं होने वाली छात्राओं के लिए दोबारा परीक्षा आयोजित करने की संभावना से इनकार किया और कहा कि परीक्षा में अनुपस्थित रहने वाले छात्रों के लिए इस तरह का कोई नियम नहीं है. उन्होंने कहा कि परीक्षा की प्रकृति प्रतिस्पर्धी होती है और अनुपस्थित रहने वालों के लिए मानवीय आधार पर विचार नहीं किया जा सकता. नागेश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के एक सवाल पर कहा, 'हाई कोर्ट (Karnataka High Court) ने जो भी कहा है, हम उसका पालन करेंगे.'
उन्होंने कहा, 'परीक्षा में अनुपस्थित रहना प्रमुख कारक होगा, कारण नहीं. चाहे वो हिजाब विवाद या तबीयत खराब या उपस्थित रहने में असमर्थता हो या परीक्षा के लिए पूरी तैयारी नहीं होने की वजह से हो. अंतिम परीक्षा में अनुपस्थित रहने का मतलब है अनुपस्थित रहना और दोबारा परीक्षा आयोजित नहीं की जाएगी.' मंत्री ने कहा कि केवल उन्हीं छात्रों को पूरक परीक्षा देने का अवसर दिया जाएगा जोकि परीक्षा में पास नहीं हो सके.
कर्नाटक हाई कोर्ट द्वारा शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने की अनुमति देने का अनुरोध करने वाली छात्राओं की याचिका खारिज किए जाने के बाद हिजाब पहनने की अनुमति नहीं मिलने के कारण कई मुस्लिम छात्राओं ने परीक्षा में शामिल होने से इनकार कर दिया था. इस मामले पर कानून और संसदीय कार्य मंत्री जेसी मधुस्वामी ने कहा कि वे अदालत के फैसले के खिलाफ नहीं जा सकते.
400 मुस्लिम छात्राओं ने सोमवार को स्कूल-कॉलेज छोड़े- शिक्षा मंत्री
उन्होंने कहा, 'कर्नाटक हाई कोर्ट के आदेश का पालन करना होगा. हम इसके खिलाफ नहीं जा सकते. हम उन छात्रों को समायोजित कर सकते हैं जिन्होंने अदालत के फैसले से पहले परीक्षाओं में भाग नहीं लिया था, लेकिन हम उन लोगों के लिए ऐसा नहीं कर सकते, जिन्होंने फैसले के बाद भाग नहीं लिया है.' इस बीच शिक्षा मंत्री बी सी नागेश ने दावा किया कि लगभग 400 मुस्लिम छात्राओं ने सोमवार को स्कूलों और कॉलेजों को छोड़ दिया था.
सुप्रीम कोर्ट में अपनी लड़ाई जारी रखेंगे- CFI
कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) ने सोमवार को एक प्रेस वार्ता की और कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट में अपनी लड़ाई जारी रखेंगे. सीएफआई के सरफराज गंगावती ने कहा कि छात्रों को परीक्षा नहीं देने के लिए मजबूर किया जा रहा है. उन्होंने कहा, 'सत्तारूढ़ भाजपा सरकार छात्रों, विशेषकर मुस्लिम महिला छात्रों को शिक्षित नहीं करना चाहती है. फैसले से पहले हमने राज्य के 25 जिलों के कई कॉलेजों का दौरा किया और पाया कि इस नियम के कारण 11,000 मुस्लिम छात्राएं प्रभावित हुईं. हम आंकड़े जुटा रहे हैं.'
Next Story