कर्नाटक

जोखिमों पर नियंत्रण पाने के लिए तालमेल की सख्त जरूरत : अश्विनी वैष्णव

Manish Sahu
19 Aug 2023 4:22 PM GMT
जोखिमों पर नियंत्रण पाने के लिए तालमेल की सख्त जरूरत : अश्विनी वैष्णव
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कर्नाटक: केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को कहा कि दुनिया के आपस में जुड़ जाने के बाद साझा सुरक्षा जोखिम पैदा हो गया है, जिसके लिए डिजिटल सुरक्षा पर परस्पर तालमेल की अत्यंत आवश्यकता है। वैष्णव ने ‘जी-20 डिजिटल अर्थव्यवस्था कार्यसमूह मंत्रियों’ की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि डिजिटल अर्थव्यवस्था कार्यबल के सिलसिले में भारतीय अध्यक्षता में तीन प्राथमिकता वाले क्षेत्रों का चयन किया गया है, जिससे प्रौद्योगिकी के लोकतंत्रीकरण में मदद मिलेगी। रेलवे, इलेक्ट्रोनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री वैष्णव ने कहा, ‘‘आपस में दुनिया के जुड़ जाने के बाद साझा सुरक्षा जोखिम पैदा हो गया है। इसलिए डिजिटल सुरक्षा पर तालमेल की जरूरत अत्यावश्यक हो गयी है।’’
वैष्णव ने कहा, ‘‘डिजिटल अर्थव्यवस्था कार्यसमूह के लिए भारत की अध्यक्षता में चुने गये प्राथमिकता वाले क्षेत्र डिजिटल लोक अवसंरचना, डिजिटल अर्थव्यवस्था में सुरक्षा और डिजिटल कौशल प्रशिक्षण हैं।’’केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ये प्राथमिकताएं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दिशादृष्टि की झलक देती हैं जो प्रौद्योगिकी के लोकतंत्रीकरण में यकीन करते हैं। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि प्रौद्योगिकी का लाभ हर नागरिक तक पहुंचना चाहिए, भले ही उसकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति कैसी भी हो। वैष्णव ने कहा कि डिजिटल क्षेत्र की सार्वजनिक बुनियादी संरचना को प्रौद्योगिकी के लोकतंत्रीकरण में अहम भूमिका निभानी है।
उनके अनुसार, भारत का डिजिटल मंच यूपीआई सार्वजनिक-निजी साझेदारी (पीपीपी) पहल का बहुत अच्छा उदाहरण है। वैष्णव ने कहा, ‘‘यह मंच सार्वजनिक कोष की मदद से बनाया गया है और फिर उससे निजी साझेदार जुड़ गये। सत्तर से अधिक बैंक, पांच करोड़ से अधिक उपयोगकर्ता इस मंच से जुड़ गये।’’ उन्होंने कहा कि परिणाम यह हुआ कि जुलाई, 2023 में 10 अरब डॉलर के तत्क्षण लेनदेन हुए और वार्षिक आधार पर अब ये लेनदेन दो लाख करोड़ रुपये को पार कर गये हैं।
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