कर्नाटक

High Court ने एक व्यक्ति की गर्लफ्रेंड के खिलाफ दर्ज मुकदमें को किया रद्द, जाने मामला

Sanjna Verma
21 Jun 2024 1:28 PM GMT
High Court ने एक व्यक्ति की गर्लफ्रेंड के खिलाफ दर्ज मुकदमें को किया रद्द, जाने मामला
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Karnataka High Court: कर्नाटक हाईकोर्ट ने एक व्यक्ति की गर्लफ्रेंड के खिलाफ दर्ज मुकदमें को रद्द कर दिया. कोर्ट ने कहा कि प्रेमिका किसी भी तरह से उसकी रिश्तेदार या परिवार का सदस्य नहीं है. इस वजह से उसे क्रूरता के लिए दोषी नहीं ठहराया जा सकता है. दरअसल, आरोपी व्यक्ति की पत्नी ने उसके और उसके परिवार के सदस्यों के खिलाफ क्रूरता का मामला दर्ज कराया था. इस एफआईआर में उसकी girlfriend का नाम भी शामिल किया गया था. उस पर भी 'मानसिक क्रूरता' का आरोप लगाया गया था.
लाइव लॉ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, शख्स की गर्लफ्रेंड और उसकी मां ने कोर्ट में याचिका दायर कर मामले को रद्द करने की गुहार लगाई थी. फिर न्यायमूर्ति एम. नागप्रसन्ना की एकल पीठ ने महिला और उसकी मां द्वारा दायर याचिका को अनुमति दे दी, जिन्हें भारतीय दंड संहिता की धाराओं 498ए, 323, 324, 307, 420, 504, 506 और 34 तथा दहेज निषेध अधिनियम, 1961 की धाराओं 3 और 4 के तहत दर्ज मामले में आरोपी बनाया गया था.
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ने अपने फैसले में कहा कि यह कानून का स्थापित सिद्धांत है कि किसी अभियुक्त के प्रेमी को भारतीय दंड संहिता की धारा 498 ए के तहत कार्यवाही में नहीं घसीटा जा सकता है. क्योंकि उक्त अभियुक्त रिश्तेदार या परिवार का सदस्य नहीं बनेगा, जो कि भारतीय दंड संहिता की धारा 498 ए के तहत आवश्यक है. इस प्रकार प्रथम याचिकाकर्ता के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 498 ए के तहत अपराध का मामला नहीं बनता है.
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