
x
कर्नाटक | मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने बुधवार को चिंता व्यक्त की कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के कार्यान्वयन से भारत का संविधान, लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्ष मूल्य नष्ट हो जाएंगे। मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया,‘‘कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने चिंता व्यक्त की कि यह भारत के संविधान, लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को नष्ट कर देगा तथा आदिवासियों, दलितों एवं अल्पसंख्यकों के अधिकारों को छीन लेगा।''
यह बयान ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के पदाधिकारियों द्वारा समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के कार्यान्वयन के निहितार्थ और इसके पीछे की साजिश पर चर्चा करने के लिए सिद्दारमैया से मुलाकात के मद्देनजर आया है। सिद्दारमैया ने प्रतिनिधियों को आश्वासन दिया,‘‘राज्य सरकार अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के लिए काम करेगी और इस बारे में चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।''
प्रतिनिधियों ने कहा कि पिछले विधि आयोग ने केंद्र सरकार के प्रस्ताव को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि इस विविधतापूर्ण देश में यूसीसी को लागू करना संभव नहीं है। उन्होंने बताया कि लेकिन, केंद्र सरकार ने वर्तमान विधि आयोग से इस मामले की दोबारा समीक्षा करने को कहा है और उसके अनुसार विधि आयोग जनता की राय जुटा रहा है। इस बीच ‘फाउंडेशन ऑफ बेटर इंडिया' में बोलते हुए सिद्दारमैया ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और मोदी ने सत्ता में आने के बाद देश की अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया।
उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी ने सिर्फ नौ साल में 118 लाख करोड़ रुपये उधार लेकर देश का कर्ज 170 लाख करोड़ रुपये कर दिया। उन्होंने कहा,‘‘पिछले 75 वर्षों से देश पर केवल 53 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है। यह मोदी और भाजपा-आरएसएस परिवार है जिन्होंने इस कर्ज को 170 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाया।'' सिद्दारमैया ने कहा,‘‘कांग्रेस संविधान की आकांक्षाओं के लिए प्रतिबद्ध है और वह श्रमिकों, महिलाओं, दलितों, शूद्रों, पिछड़ों जैसी सभी जातियों के गरीबों के जीवन को ऊपर उठाने तथा इन सभी समुदायों के अधिकारों की रक्षा के लिए लगातार अभियान चला रही है।''
उन्होंने कहा,‘‘यह कांग्रेस पार्टी है जो सामाजिक न्याय की विरासत लेकर चलती है।'' सिद्दारमैया ने कहा कि इस देश के किसानों, मजदूरों की समस्याओं के बारे में कभी नहीं बोलने वाला। भाजपा परिवार इन किसान-मजदूरों के बच्चों और छात्रों को नफरत की भट्टी में धकेल कर देश को फिर से पीछे धकेलने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना ??है कि इस देश के युवा और छात्र किसी भी कारण से इसकी अनुमति नहीं देंगे।'' उन्होंने आरोप लगाया कि देश में नफरत फैलाने की साजिश की राजनीति चल रही है जबकि बेरोजगारी और गरीबी बढ़ रही है।
उन्होंने कहा,‘‘नेहरू के प्रधानमंत्रित्व काल से भारत के लिए रखी गई मानवता, धर्मनिरपेक्षता, वैज्ञानिक प्रगति और विकास की नींव को कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है। हालांकि, यह सम्मेलन हमारे भारत को लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर फिर से स्थापित करने में मदद करेगा।'' मुख्यमंत्री ने कहा कि जैसे-जैसे देश में बेरोजगारी बढ़ती है, गरीब-मध्यम वर्ग मूल्य वृद्धि से परेशान होता है और पाटर्ी की नफरत की राजनीति देश में फैल जाती है।
Next Story