तुमकुरु सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट ने एक पुश्तैनी घर एक व्यक्ति की दादी को सौंप दिया, जिसने कथित तौर पर उसे दूर भेजकर घर पर कब्जा कर लिया था। कोराटागेरे शहर के तीसरे वार्ड की निवासी 80 वर्षीय बुजुर्ग महिला कवलम्मा द्वारा दायर शिकायत के अनुसार, उनका पोता मारुति अपनी पत्नी और बच्चों के साथ बेंगलुरु में काम कर रहा था। वर्ष 2020 में कोविड के कारण अपनी नौकरी गंवाने के बाद मारुति अपने पैतृक शहर वापस आ गया। मानवीय आधार पर कवलम्मा और उनकी बेटी लक्ष्मम्मा ने उन्हें अपने परिवार के साथ घर में रहने की अनुमति दी। आठ महीने पहले लक्ष्मम्मा की कैंसर से मौत हो गई थी। तब मारुथी ने बूढ़ी औरत कवलम्मा को घर से दूर भेज दिया और उसे बेचने की भी कोशिश की। कवलम्मा ने अपने रिश्तेदार के घर शरण ली। परिजनों ने वृद्धा को अपने साथ रहने देने की सलाह भी दी। लेकिन मारुति ने न केवल मना कर दिया, बल्कि किसी भी तरह के काम के बिना वहां रहना जारी रखा। कवलम्मा ने मधुगिरी तुमकुरु में वरिष्ठ नागरिक अधिकार अधिनियम के तहत शिकायत करते हुए एसडीएम अदालत का दरवाजा खटखटाया। वृद्ध महिला की अपील सुनने वाले सहायक आयुक्त और अनुविभागीय मजिस्ट्रेट ऋषि आनंद ने तुरंत उप निबंधक कार्यालय को सतर्क कर दिया कि संपत्ति को किसी के नाम पर स्थानांतरित नहीं किया जाए। फिर सोमवार को उन्होंने मारुति को बेदखली का आदेश जारी किया। हालांकि मारुति नेघर खाली नहीं किया। मंगलवार को एसडीएम ऋषि आनंद, तहसीलदार अधिकारियों के साथ घर आए और मारुति को पुलिस बल के साथ बाहर निकाला और कवलम्मा को घर सौंप दिया।
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