कर्नाटक

बिशप को हाईकोर्ट से राहत, अदालत ने खारिज किए आरोप

Ritisha Jaiswal
15 Jun 2022 3:00 PM GMT
बिशप को हाईकोर्ट से राहत, अदालत ने खारिज किए आरोप
x
पॉक्सो एक्ट के तहत आरोपों का सामना कर रहे बिशप प्रसन्ना कुमार सैमुअल को कर्नाटक हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है।

पॉक्सो एक्ट के तहत आरोपों का सामना कर रहे बिशप प्रसन्ना कुमार सैमुअल को कर्नाटक हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने उन पर लगाए गए आरोपों को खारिज कर दिया है। साथ ही, मजिस्ट्रेट को फटकार भी लगाई है। कोर्ट ने कहा है कि मजिस्ट्रेट ने आरोप पत्र को देखे बिना, बिना दिमाग लगाए, समन जारी किया। यह कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है।

दरअसल, प्रसन्ना कुमार सैमुअल कर्नाटक के चर्च ऑफ साउथ इंडिया के बिशप हैं। 2015 में उन पर एक स्कूल की कुछ लड़कियों के यौन उत्पीड़न का आरोप लगा था। तब पुलिस ने बिशप के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था। हालांकि, बाद में पुलिस ने ट्रायल के दौरान उन पर से ये आरोप हटा दिए थे।
2017 में किए गए थे तलब
दिसंबर, 2017 में इस मामले को लेकर सरकारी वकील द्वारा एक याचिका दायर की गई थी। इसको लेकर उन्हें फिर से तलब किया गया, जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। मामले में न्यायमूर्ति हेमंत चंदनगौदर ने फैसला सुनाते हुए बिशप के खिलाफ आरोपों को रद्द कर दिया। कोर्ट ने कहा, आरोप पत्र में कहीं भी इस का खुलासा नहीं होता कि आरोपी ने ये अपराध किए हैं। इसके अलावा जांच अधिकारी ने भी 2019 में अपनी रिपोर्ट में कहा था कि इस तरह को कोई मामला नहीं है।
जालंधर बिशप के खिलाफ पोप से अपील
वहीं एक दूसरे मामले में जालंधर बिशप फ्रेंको मुलक्कल के खिलाफ सेव अवर सिस्टर्स फोरम ने पोप को पत्र लिखा है। अपील की गई है कि फ्रेंको की बिशप के रूप में तक बहाली न की जाए जब तक केरल हाईकोर्ट उनके खिलाफ फैसला नहीं देता। दरअसल, जनवरी, 2022 में कोयट्टम कोर्ट ने फ्रेंको मुलक्क्ल को दुष्कर्म मामले में बरी कर दिया था।


Next Story