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बेंगलुरु, (आईएएनएस)| त्योहार के दिन कथित तौर पर खाना नहीं बनाने के लिए अपनी पत्नी की हत्या करने के आरोपी एक व्यक्ति को कर्नाटक हाईकोर्ट ने बरी कर दिया है, अदालत ने आरोपी को जेल से रिहा करने का आदेश देते हुए कहा कि उसने गैर इरादन हत्या की है। आरोपी को पत्नी की हत्या करने के लिए उकसाया गया। चिक्कमगलुरु जिले के रहने वाले सुरेश ने अपनी पहली पत्नी मीनाक्षी से अलग होने के बाद राधा से शादी की थी। इसके बाद उनके दो बच्चे हुए। उसने कथित तौर पर 2016 में अपराध किया था, जब वह एक त्योहार के दिन घर लौटा, तो पता चला कि राधा ने शराब का सेवन किया था और त्योहार मनाने या खाना पकाने के बजाय सो गई थी।
एक निचली अदालत ने उन्हें नवंबर 2017 में अपनी पत्नी की हत्या के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी, जिसके बाद कर्नाटक उच्च न्यायालय में उनकी सजा के खिलाफ अपील की थी। जस्टिस के. सोमशेखर और जस्टिस टी.जी. शिवशंकर गौड़ा ने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष हत्या करने के आरोपी के इरादे की व्याख्या करने में असमर्थ है।
हाईकोर्ट ने कहा, अभियोजन पक्ष के साक्ष्य से पाया गया है कि महिला ने खाना तैयार नहीं किया। इससे आरोपी गुस्सा हो गया और उसने अपनी पत्नी पर हमला कर दिया। इसलिए आरोपी का कथित कार्य भारतीय दंड संहिता की धारा 300 के अपवाद-1 के दायरे में आता है। हाईकोर्ट ने कहा कि महिला की मौत गैर इरादन हत्या थी, जो हत्या के बराबर नहीं थी।
चूंकि आरोपी पहले ही छह साल और 22 दिनों की कारावास की सजा काट चुका है, जो कि आईपीसी की धारा 304 के तहत दंडनीय अपराध के लिए पर्याप्त है, उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया कि सुरेश को तुरंत रिहा किया जाए।
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