कर्नाटक
कर्नाटक में ईसाई धर्म से जुड़े पर्चे बांटने पर बजरंगी परिषद के लोगों ने किया युवक की पिटाई
Deepa Sahu
19 March 2022 12:13 PM GMT
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कर्नाटक के हसन जिले से एक दक्षिणपंथी संगठन के कार्यकर्ताओं द्वारा महिला कॉलेज के बाहर एक युवक को पीटे जाने का मामला सामने आया है.
कर्नाटक के हसन जिले से एक दक्षिणपंथी संगठन के कार्यकर्ताओं द्वारा महिला कॉलेज के बाहर एक युवक को पीटे जाने का मामला सामने आया है. जिस युवक को पीटा गया, उसके ऊपर जबरन धर्मांतरण का प्रचार करने का आरोप लगाया गया. यही नहीं, पीटे गए युवक और उसकी पत्नी के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई गई. इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है.
मामला क्या है?
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, घटना गुरुवार, 17 मार्च की है. हसन जिले में स्थित दक्षिणपंथी संगठन बजरंगी हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष सुशीत कुमार ने आरोप लगाते हुए कहा कि मनु धनंजय नाम का एक युवक सरकारी महिला कॉलेज के पास ईसाई धर्म से जुड़ी किताबें बांट रहा था. जब उनके संगठन को इस बारे में पता चला, तो उन्होंने युवक को ऐसा करने से मना किया. सुशीत कुमार ने बताया,वहीं इसी घटना से जुड़े वायरल वीडियो में युवक कहता दिख रहा है कि उसपर दया की जाए. वह बस वही काम कर रहा है, जो उसे कहा गया है. युवक की गिरफ्तारी के बाद उसकी पत्नी वीना ने पुलिस से सवाल किए. दक्षिणपंथी संगठन ने वीना के ऊपर हिंदू धर्म के बारे में अपशब्द कहने के आरोप लगाए.
इधर हसन सिटी पुलिस स्टेशन के एक अफसर ने बताया कि दोनों पति-पत्नी को गिरफ्तार किया गया और दोनों के खिलाफ आईपीसी की धारा 295 A (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचना) के तहत मामला दर्ज किया गया. अधिकारी ने ये भी बताया कि बाद में दोनों को बेल पर छोड़ दिया गया.
बढ़ रही घटनाएं
यह मामला तब सामने आया है, जब बीते समय में कर्नाटक से इस तरह की बहुत सारी घटनाएं सामने आ चुकी हैं. बीते समय में कर्नाटक में धार्मिक प्रचार से जुड़े लोगों पर हमले बढ़े हैं. क्रिसमस के समय तो कई चर्चों और दूसरे धार्मिक स्थलों पर हमले के मामले भी सामने आए. ऐसे कुछ मामलों में जब प्रशासनिक अधिकारियों ने कार्रवाई की तो उनका ट्रांसफर हो गया.
इन घटनाओं में बढ़ोतरी ऐसे समय में हो रही है, जब कर्नाटक की विधानसभा में धर्मांतरण विरोधी बिल पास हो चुका है. हालांकि, विधान परिषद में अभी यह बिल अटका हुआ है क्योंकि यहां पर सत्ताधारी बीजेपी के पास स्पष्ट बहुमत नहीं है. ऐसे में कई संगठन इस बिल के पक्ष में आक्रामक माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं. दूसरी तरफ विपक्ष की ओर से इन हमलों और बिल को संविधान के अनुच्छेद 25 का उल्लंघन बताया जा रहा है. इधर हसन जिले में हुई इस घटना के संदर्भ में पुलिस ने हमलावरों पर कोई कार्रवाई नहीं की है.
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