
नोएडा। बेंग्लूरु की तर्ज पर नोएडा ने सेफ सिटी की ओर कदम बढ़ा दिया है। इसके तहत नोएडा और ग्रेटरनोएडा के 200 बाजार और 245 सरकारी व निजी स्कूलों व ब्लैक स्पाट को सुरक्षित करने का काम शुरू कर दिया है। ऐसे में सरकार के निर्देश पर पुलिस कमिश्नर की ओर से सेफ सिटी परियोजना के तहत 160 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव तैयार कर नोएडा प्राधिकरण के पास भेज दिया गया है।
इसके तहत दोनों शहरों में 400 सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। जिसको लेकर अब नोएडा प्राधिकरण ने कमांड कंट्रोल सेंटर पर एक सेफ सिटी के लिए नया कंट्रोल रूम तैयार का निर्देश दिया है। यही नहीं ग्रेटर नोएडा शहर के लिए भी नया कंट्रोल रूम तैयार किया जाएगा।
जिस पर ग्रेनो प्राधिकरण खर्च करेगा। यहां से पुलिस के लिए दोनों कंट्रोल रूम संचालित होंगे। इस योजना में शहर में अपराधियों की प्रत्येक गतिविधि पर आसानी से नजर रखी जा सकेगी। इसका डाटा तैयार करने काम शुरू हो चुका है।
ये कैमरे आईएसटीएमएस की बजाए सेफ सिटी के तहत लगाए जाएंगे। इनका वाहनों के चालान से कोई संबंध नहीं होगा। हालांकि सुरक्षा के तहत वाहनों की नंबर प्लेट व उसमें बैठे लोग भी साफ तौर पर कैमरों में नजर आएंगे। जिन जगह कैमरे लगाए जाएंगे उनमें अधिकतर हिस्सा शहरी क्षेत्र ही है।
संबंधित स्थानों में मुख्य रूप से सेक्टर-38 शशि चौक के पास, सेक्टर-32 सिटी सेंटर सहित अन्य मेट्रो स्टेशन, सेक्टर-37 बस स्टॉप, महामाया फ्लाईओवर का मोड़, कालिंदी कुंज बार्डर, फिल्म सिटी गेट, सेक्टर-29 गंगा शॉपिंग कॉम्पलेक्स सड़क के अलावा यू-टर्न व अन्य स्थान शामिल हैं। इसके अलावा स्कूल और शहर के बाजार शामिल है।
फेस डिटेक्शन कैमरे
योजना के तहत फेस डिटेक्शन कैमरे लगाए जाएंगे। बदमाशों का डाटा पुलिस के पास पहले से रहेगा। ऐसे में कोई भी बदमाश यदि इन कैमरों की जद में आता है तो उसकी लाइव लोकेशन और पूरा डाटा कंट्रोल रूम में दिखाई देगा। जिससे उसे आसानी से पकड़ा जा सकेगा।
पुलिस कंट्रोल रूम से सीधे मानिटरिंग
सेफ सिटी के कंट्रोल रूम सीधे पुलिस मुख्यालय में बने कंट्रोल रूम से जुड़े होंगे। जिससे कोई भी जानकारी या सूचना मिलने पर तत्काल नजदीकी पुलिस स्टेशन , चौकी और पीआरवी और डायल-112 को जानकारी दी जा सकेगी।