कर्नाटक

कर्नाटक में हिजाब के साथ नहीं मिली क्लास में एंट्री, इंग्लिश लेक्चरर ने दिया इस्तीफा

Rani Sahu
19 Feb 2022 5:43 PM GMT
कर्नाटक में हिजाब के साथ नहीं मिली क्लास में एंट्री, इंग्लिश लेक्चरर ने दिया इस्तीफा
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कर्नाटक में हिजाब को लेकर जारी विवाद (Hijab Controversy) थमने का नाम नहीं ले रहा है

Karnataka Hijab Controversy: कर्नाटक में हिजाब को लेकर जारी विवाद (Hijab Controversy) थमने का नाम नहीं ले रहा है। सरकारी कॉलेज की 5 लड़कियों को हिजाब पहन क्लास रूम में एंट्री ना देने से शुरू हुए विवाद के बाद यह मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। इस बीच राज्य में हिजाब पहनकर क्लास में एंट्री नहीं मिलने पर एक इंग्लिश लेक्चरर ने अपना इस्तीफा दे दिया है। इस लेक्चरर का कहना है कि यह उनके सेल्फ रिस्पेक्ट की बात है और वह बिना हिजाब के नहीं पढ़ा सकतीं।

इस्तीफा देने वाली लेक्चरर का नाम चांदिनी नाज है, जो बीते तीन सालों से तुमकुरु (Tumakuru) के जैन पीयू कॉलेज (Jain PU College) में इंग्लिश लेक्चरर (गेस्ट) के तौर पर जुड़ी हुई हैं। उन्होंने एक मीडिया संस्थान से बात करते हुए बताया कि मैं तीन साल से इस संस्था में काम कर रही हूं, लेकिन आज तक मुझे कभी भी हिजाब हटाने के लिए नहीं कहा गया ता और मैं हमेशा की तरह ही अपना काम कर रही थी। लेकिन उन्होंने अचानक मुझसे बिना हिजाब के क्लास रूम में जाने की बात कही, जिस पर मैं बिना किसी शोर शराबे अपना इस्तीफ कॉलेज प्रबंधन को सौंप दिया।
प्रधानाध्यापक ने फोन पर कही थी यह बात
चांदिनी नाज का कहना है कि यह मेरे सेल्फ-रिस्पेक्ट की बात थी। मैंने बिना हिजाब के नहीं पढ़ा सकती हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानाध्यापक का मेरे पास फोन आया था और उन्होंने कहा था कि बिना हिजाब या किसी भी धार्मिक प्रतीक वाली वस्तु के बिना क्लास संचालित की जानी चाहिए। इसके बाद लेक्चरर ने अपना इस्तीफा पत्र सौंप दिया। जिसमें कहा गया है कि मैं बिना हिजाब के कंफर्टेबल नहीं हूं। धर्म का अधिकार एक संवैधानिक अधिकार है जिसे कोई भी नकार नहीं सकता। धन्यवाद, मैं आपके अलोकतांत्रिक कृत्य की निंदा करती हूं।
वहीं, दूसरी ओर जैन पीयू कॉलेज के प्रिंसिपल का कहना है कि कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश के बाद चांदिनी से हिजाब हटाकर क्लास में जाने के लिए कहा गया था। लेकिन वह ऐसा नहीं करना चाहती थीं, ऐसे में उन्होंने अपना इस्तीफा दे दिया। प्रिंसिपल केटी मंजूनाथ ने कहा कि हम एक प्राइवेट कॉलेज हैं और प्रबंधन जो हमसे कहेगा, उसका पालन हमें करना होगा।
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