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नई दिल्ली (आईएएनएस)| राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बुधवार को कहा कि उसने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के मास्टर हथियार प्रशिक्षक को गिरफ्तार किया है। उस पर निजामाबाद आतंकी साजिश मामले में शामिल होने का आरोप है। वह कर्नाटक में एक फर्जी पहचान के साथ रह रहा था। यह मामला प्रतिबंधित संगठन पीएफआई के नेताओं और कैडरों द्वारा रची गई एक आपराधिक साजिश से संबंधित है, जिसमें भारत में इस्लामिक शासन स्थापित करने के उद्देश्य के साथ आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने और चलाने के लिए युवाओं को भर्ती करने और उन्हें कट्टरपंथी बनाने तथा हथियार प्रशिक्षण प्रदान करने की बात कही गई है।
अधिकारी ने बताया, आरोपी नांदयाल निवासी नौसाम मोहम्मद यूनुस उर्फ यूनुस (33) अपने बड़े भाई के इन्वर्टर व्यवसाय में काम कर रहा था। सितंबर 2022 में जब उसके घर की तलाशी ली गई तो वह अपनी पत्नी और दो नाबालिग बेटों के साथ फरार पाया गया।
एनआईए की जांच से पता चला है कि उसने अपने पूरे परिवार को आंध्र प्रदेश से स्थानांतरित कर दिया था और कर्नाटक के बेल्लारी जिले के काउल बाजार इलाके में छिपा हुआ था, जहां वह बशीर के नाम से रह रहा था और प्लंबर का पेशा अपना लिया था।
यूनुस एक मास्टर हथियार प्रशिक्षक था और आंध्र प्रदेश तथा तेलंगाना क्षेत्र में पीएफआई द्वारा भर्ती किए गए युवाओं को हथियार प्रशिक्षण प्रदान कर रहा था। वह निजामाबाद पीएफआई मामले में इन दोनों राज्यों के पीई प्रशिक्षण राज्य समन्वयक भी था।
एनआईए ने कहा, यूनुस एनआईए की पूछताछ के दौरान गोलमोल जवाब दे रहा था। उसने बताया कि एक शेख इलियास अहमद नाम का व्यक्ति भी पीएफआई हथियार प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल है। इलियास फिलहाल फरार है।
उसकी गिरफ्तारी के साथ एनआईए ने एक बार फिर समुदायों के बीच सांप्रदायिक खाई पैदा करने और देश में शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने और बाधित करने के लिए निर्दोष मुस्लिम युवाओं का उपयोग करने की पीएफआई की कट्टरपंथी नापाक योजनाओं का पदार्फाश किया है।
तेलंगाना पुलिस ने शुरू में 4 जुलाई 2022 को मामले में प्राथमिकी दर्ज की थी।
बाद में एनआईए ने जांच अपने हाथ में ले ली। एनआईए इस मामले में अब तक 16 आरोपियों के खिलाफ दो आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है।
--आईएएनएस
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