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बेंगलुरू,(आईएएनएस)| कर्नाटक बाल संरक्षण समिति ने मंगलवार को बाल संरक्षण निदेशालय को निर्देश दिया कि वह संबंधित अधिकारियों द्वारा ड्यूटी में लापरवाही पर सात दिन के भीतर रिपोर्ट सौंपे। समिति के अध्यक्ष नागन्ना गौड़ा के निर्देश पर बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के अधिकारियों और चित्रदुर्ग के बाल संरक्षण अधिकारियों से पूछताछ की जाएगी।
यह निर्देश ओदानदी एनजीओ के संस्थापक स्टेनली और परशु की शिकायत पर जारी किया गया है।
लिंगायत संत शिवमूर्ति मुरुघ शरणारू के खिलाफ पॉक्सो केस दर्ज होने के बाद कई अनियमितता सामने आई हैं, अवैध रूप से बच्चों को गोद लेने का मामला भी सामने आया है।
इस बीच चित्रदुर्ग शासकों की शाही विरासत से संबंधित परशुराम नायक ने मठ के प्रशासनिक बोर्ड में सुधार की मांग की है। उन्होंने शाही परिवार के प्रतिनिधित्व पर भी जोर दिया है।
उन्होंने कहा कि चित्रदुर्ग मठ समाज के सभी वर्गों और समुदायों का है। सभी वर्गों का कल्याण चाहने वाले को मठ का मुखिया बनना चाहिए। मठ के शिक्षण संस्थानों के प्रशासनिक बोर्ड में भी सुधार किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, शाही परिवार ने आज तक मठ में प्रतिनिधित्व की मांग नहीं की थी। अब स्थिति बदल गई है। शाही परिवार को प्रतिनिधत्व दिए जाने की जरूरत है।
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