कर्नाटक

'नोरो वायरस' को लेकर कोडुगू व दक्षिण कन्नड़ प्रशासन ने की हाई अलर्ट जारी

Deepa Sahu
19 Nov 2021 9:11 AM GMT
नोरो वायरस को लेकर कोडुगू व दक्षिण कन्नड़ प्रशासन ने की हाई अलर्ट जारी
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केरल के वायनाड में नोरोवायरस के मामले सामने आने के बाद कोडुगू व दक्षिण कन्नड़ जिला प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है।

बेंगलूरु. केरल के वायनाड में नोरोवायरस के मामले सामने आने के बाद कोडुगू व दक्षिण कन्नड़ जिला प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है। नोरोवायरस गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल बीमारी का कारण बनता है। ये पशुओं के जरिए इंसानों में फैलने वाला वायरस है। वायनाड जिले के एक पशु चिकित्सा महाविद्यालय के 13 छात्रों में नोरोवायरस संक्रमण की सूचना मिली थी। कम-से-कम एक दर्जन से अधिक विद्यार्थियों में संक्रमण के लक्षण सामने आए हैं।

जिला प्रशासन ने क्षेत्रीय निगरानी कर्मचारियों को सामुदायिक कुओं और जल स्रोतों की सुरक्षा के निर्देश दिए हैं। क्लोरीन से कीटाणुरहित पेयजल का सेवन करने की सलाह दी गई है।कोडुगू जिला प्रशासन ने माना है कि नोरोवायरस अत्यधिक संक्रामक है। दक्षिण कन्नड़ जिला प्रशासन का कहना है कि जब तक लोग मतली, दस्त या उल्टी जैसे लक्षण नहीं दिखाते हैं तब तक जांच संभव नहीं है। जिला प्रशासन ने भी छात्रों को कॉलेज परिसरों के आसपास के होटलों का बासी खाना नहीं खाने की सलाह दी है।
कोडुगू जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. वेंकटेश आर. ने बताया कि नोरोवायरस एक बहुत ही संक्रामक वायरस है जो उल्टी और दस्त का कारण बनता है। नोरोवायरस से कोई भी संक्रमित और बीमार हो सकता है। नोरोवायरस किसी संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आनेए दूषित भोजन या पानी का सेवन करनेए या दूषित सतहों को छूने और फिर अपने मुंह में बिना हाथ धोए डालने से हो सकता है।
उन्होंने कहा, 'यह मुख्य रूप से बासी भोजन और दूषित पानी से आता है। हम पेट दर्द, दस्त और उल्टी का इलाज कर सकते हैं। हम नियमित रूप से पानी को क्लोरीनेट करेंगे क्योंकि हमारा जिला सीमावर्ती है।नोरोवायरस दुर्लभ है लेकिन अत्यधिक संक्रामक है और केरल में संक्रमित छात्र कॉलेज के छात्रावास के बाहर रह रहे थे। अगर हमें बुखार और पेट दर्द जैसे लक्षण मिलते हैं तो हम यहां लोगों का परीक्षण करेंगे। हम जल्द ही एक सर्कुलर जारी करेंगे जिसमें लोगों से केवल गुनगुना पानी पीने को कहा जाएगा। होटलों को चाहिए कि केवल ताजा पका हुआ खाना ही परोसे। वायनाड से कई पर्यटक ज्यादातर मैसूर जाते हैं।' मैसूरु जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. के. एच. प्रसाद ने कहा कि एचडी कोटे में बावली वायनाड और मैसूर के बीच एकमात्र चेक-पोस्ट है। इस मार्ग से प्रतिदिन 200 वाहन गुजरते हैं। आगंतुकों को बुखार के लिए जांचा जाएगा।
दक्षिण कन्नड़ जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. किशोर कुमार ने कहा कि यह एक जूनोटिक वायरस है और दूषित भोजन से फैल सकता है। यदि किसी को पेट में दर्द और दस्त जैसे गैस्ट्रोएंटेराइटिस के समान लक्षण हैं, तो घर पर उनके परिवार के सदस्यों के भी संक्रमित होने की सबसे अधिक संभावना है क्योंकि नोरोवायरस बिना हाथ धोए छूने से फैलता है।


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