बेंगलुरु। भारतीय जनता पार्टी को सत्ता से हटाने के लक्ष्य के साथ कांग्रेस 11 जनवरी से 'प्रजा ध्वनि' नाम से चुनावी यात्रा शुरू करेगी। यात्रा का नेतृत्व पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डी. के. शिवकुमार और विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्धरमैया संयुक्त रूप से करेंगे। कर्नाटक के 21 जिलों में यह यात्रा लोगों के साथ अपने विचार साझा करेगी और राज्य के सर्वांगीण विकास का आश्वासन देगी, साथ ही पहले से तैयार किए गए 'आरोपपत्र' की मदद से वह राज्य की भाजपा नीत सरकार पर निशाना भी साधेगी। यात्रा कार्यक्रम के तहत कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बाद इस साल कांग्रेस के सत्ता में आने पर मुख्यमंत्री बनने का सपना संजोए शिवकुमार और सिद्धरमैया 11 से 29 जनवरी तक एक ही बस में यात्रा करेंगे।
उसके बाद, फरवरी के दूसरे सप्ताह में वे दो समूहों में बंटेंगे। सिद्धरमैया के नेतृत्व में एक टीम उत्तरी कर्नाटक के विधानसभा क्षेत्रों का जबकि शिवकुमार के नेतृत्व वाली टीम दक्षिण कर्नाटक के जिलों की यात्रा करेगी। शिवकुमार ने कहा, ''प्रजा ध्वनि जनता की आवाज और भावना है। इस यात्रा का आयोजन भाजपा सरकार के साढ़े तीन साल के कार्यकाल की असफलताओं को गिनाने और जनता के जीवन को बेहतर बनाने के लिए हम क्या कर रहे हैं, यह बताने के लिए किया गया है।''
पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि यात्रा बुधवार को बेलगावी से शुरू होगी जहां 1924 में महात्मा गांधी ने कांग्रेस अधिवेशन की अध्यक्षता की थी। शिवकुमार ने कहा, ''हम जीत की राह पर आगे बढ़ते हुए और कर्नाटक को बदलाव की ओर ले जाते हुए आपका (जनता) आशीर्वाद चाहते हैं।'' उन्होंने भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचार और '40 फीसदी कमीशन' का आरोप लगाते हुए उसके 'कुशासन', 'घोटालों/विवादों' और निवेश के पड़ोसी राज्यों में चले जाने आदि के बारे में बताया।
यात्रा कार्यक्रम की घोषणा करते हुए पार्टी ने मंगलवार को राज्य सरकार के खिलाफ 'भाजपा का पापदा पुराण' शीर्षक से एक आरोपपत्र जारी कर उसमें महंगाई और भ्रष्टाचार के विभिन्न आरोपों को गिनाया है। कांग्रेस ने चुनावी घोषणापत्र के लिए लोगों की सलाह जानने के लिए एक वेबसाइट तथा 'प्रजा ध्वनि' अभियान का 'लोगो' भी जारी किया।
कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धरमैया ने बसवराज बोम्मई को कर्नाटक का ''सबसे कमजोर'' मुख्यमंत्री बताते हुए आरोप लगाया, ''वह ना सिर्फ भ्रष्ट हैं, बल्कि वह केन्द्र सरकार के समक्ष कायर भी हैं... यह 40 प्रतिशत कमीशन वाली सरकार है, यह 'अली बाबा और 40 चोरों' की सरकार है।''
उन्होंने 15वें वित्त आयोग की सिफारिश के अनुसार कर्नाटक को 5,495 करोड़ रुपये देने के लिए केन्द्र सरकार पर दबाव नहीं बनाने को लेकर राज्य से भाजपा सांसदों पर व्यंग्य कसा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इस विशेष अनुदान को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 'खारिज' कर दिया था।