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कर्नाटक के मांड्या जिले के दसनादोड्डी गांव के 80 वर्षीय किसान कामेगौड़ा का आज निधन हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में उन्हें जल योद्धा कहा था। प्रधान मंत्री ने कामेगौड़ा को एक असाधारण व्यक्तित्व वाले किसान के रूप में वर्णित किया था, जिन्होंने अकेले अपने गांव के पास एक बंजर पहाड़ी पर 16 झीलों का विकास किया था। कामेगौड़ा की मेहनत का फल आज गांव के लोग भोग रहे हैं। पहाड़ी आज घास और अन्य पौधों से हरी है और इसने भूजल को भी रिचार्ज किया है।
केमगौड़ा को पर्यावरण में उनके योगदान के लिए राज्य सरकार द्वारा राज्योत्सव पुरस्कार और बसवश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कामेगौड़ा के निधन पर शोक व्यक्त किया है और उनके गांव में पानी की समस्या के समाधान के लिए उनके योगदान की सराहना की है। श्री बोम्मई ने ट्वीट करते हुए कहा कि उनके निधन की खबर सुनकर दुख हुआ है, श्री बोम्मई ने केमगौड़ा द्वारा किए गए प्रयासों की प्रधान मंत्री की सराहना को याद किया।
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