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बेंगलुरु (आईएएनएस)। कर्नाटक के शिक्षा मंत्री मधु बंगारप्पा ने बुधवार को कहा कि सरकार राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को सप्ताह में दो बार अंडे और केले बांटेगी। शिक्षा मंत्री ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि छात्रों को अंडे और केले वितरण की योजना 18 अगस्त से शुरू होगी। सबसे पहले मांड्या जिले में इसका उद्घाटन किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि पहले इस योजना को आठवीं कक्षा तक बढ़ाने की योजना थी। अब इस योजना को 10वीं कक्षा तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। छात्रों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना सुनिश्चित करने के लिए यह योजना लागू की जा रही है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि मिड-डे-मील के साथ अंडे और केले भी दिए जाएंगे। इससे पहले कर्नाटक सरकार के फैसले से राज्य में विवाद खड़ा हो गया था।
इस फैसले ने समाज के एक वर्ग को नाराज कर दिया था, जिन्होंने मांग की थी कि स्कूल परिसर में अंडे वितरित नहीं किए जाने चाहिए, क्योंकि यह स्कूल जाने वाले बच्चों के बीच भेदभाव को बढ़ावा देगा।
वहीं स्कूली बच्चों को अंडे वितरित करने का समर्थन करने वाले एक अन्य वर्ग ने दावा किया कि यह योजना बंद नहीं होनी चाहिए, क्योंकि छात्रों को प्रोटीन की सख्त जरूरत है। जिन बच्चों को बेहतर पोषण मिलता है, उनके शिक्षा परिणाम बेहतर होते हैं।
एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली भाजपा-जद (एस) गठबंधन सरकार ने धार्मिक समूहों के दबाव के आगे झुकते हुए 2007 में स्कूली बच्चों को अंडे वितरित करने की अपनी योजना को वापस ले लिया था। हालांकि, पिछली भाजपा सरकार ने इस योजना को लागू किया था।
उन्होंने कहा था कि वैसे तो अंडे का कोई विकल्प नहीं है, लेकिन सोयाबीन है, जिसे बच्चे नहीं खायेंगे। यह योजना बच्चों में कुपोषण को दूर करने के इरादे से लागू की गई।
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