बेंगलुरु। कर्नाटक कांग्रेस ने बेंगलुरु मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (बीएमटीसी) बस कंडक्टर के ड्यूटी के दौरान टोपी पहनने पर एक महिला यात्री द्वारा आपत्ति जताने की घटना को नैतिक पुलिसिंग का मामला करार दिया है।
घटना का एक वीडियो वायरल होते ही बहस छिड़ गई है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता लावण्या बल्लाल जैन ने कहा, "सभी महिलाओं को शक्ति योजना (महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा) का लाभ उठाना चाहिए। कृपया काम में व्यस्त कर्मचारियों को परेशान करना बंद करें। यह अनावश्यक है और नैतिक पुलिसिंग है। हम यह मुद्दा हमारे परिवहन मंत्री रामलिंगा रेड्डी के संज्ञान में लाए हैं।"
वायरल वीडियो में महिला को यह पूछते हुए दिखाया गया है कि क्या बस कंडक्टर, एक मुस्लिम, टोपी पहनने के लिए अधिकृत है। वीडियो बनाते समय वह उससे बहस भी करती रहती है। कंडक्टर शांति से उसके सभी सवालों का जवाब देता है। उनका कहना है कि वह 10 वर्षों से टोपी पहन रहे हैं और किसी ने भी उनसे इस बारे में कभी नहीं पूछा या सवाल नहीं किया।
महिला ने उनसे सवाल किया कि क्या नियम उन्हें टोपी पहनने की इजाजत देता है? अंत में कंडक्टर का कहना है कि वह इस मामले को बीएमटीसी के प्रबंध निदेशक के संज्ञान में लाएगा।
महिला ने उसे उपदेश देते हुए कहा कि उसे धार्मिक प्रथाओं को घर पर ही रखना चाहिए और उन्हें सार्वजनिक स्थान पर नहीं लाना चाहिए।
इस वीडियो पर बहस छिड़ गई है और इसने सांप्रदायिक रंग ले लिया है। लोगों ने महिला और कंडक्टर दोनों का समर्थन किया हैै। हालांकि, कंडक्टर के धैर्य और शांत जवाब को सराहना मिली है।
(आईएएनएस)