कर्नाटक

जेपी नड्डा आज करेंगे हुबली का दौरा

Admin Delhi 1
18 April 2023 7:54 AM GMT
जेपी नड्डा आज करेंगे हुबली का दौरा
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बेंगलुरू नयूज: भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा मंगलवार को हुबली के दौरे पर जा रहे हैं। नड्डा मंगलवार शाम को हुबली में 2 कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे, लेकिन उनके इस हुबली दौरे को पार्टी के दिग्गज नेता रहे जगदीश शेट्टार की बगावत से भी जोड़ कर देखा जा रहा है। यह माना जा रहा है कि शेट्टार के कांग्रेस में शामिल होने के बाद उनके प्रभाव वाले क्षेत्र में पार्टी अब डैमेज कंट्रोल में जुट गई है। इसलिए पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा स्वयं उस इलाके के दौरे पर जा रहे हैं। जेपी नड्डा मंगलवार शाम को हुबली में इंटेलेक्च ुअल लोगों के साथ वार्ता कर उन्हें भाजपा सरकार की उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं की जानकारी देंगे। इसके बाद नड्डा हुबली में ही दूसरे स्थान पर शक्ति केंद्र प्रमुखों के एक सम्मेलन को भी संबोधित करेंगे। हालांकि इसके साथ ही वे मुख्यमंत्री बोम्मई सहित राज्य के अन्य महत्वपूर्ण नेताओं से चुनाव की तैयारियों, पार्टी में हो रही बगावत और डैमेज कंट्रोल के तौर-तरीकों पर भी महत्वपूर्ण चर्चा कर सकते हैं।

टिकट न मिलने से नाराज राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार ने सोमवार को कांग्रेस का दामन थाम लिया था। इसके बाद सोमवार रात को ही भाजपा ने अपने उम्मीदवारों की तीसरी सूची जारी कर शेट्टार की विधान सभा सीट हुबली धारवाड़ सेंट्रल विधान सभा क्षेत्र से महेश तेंगिंकाई को उम्मीदवार घोषित कर दिया। लेकिन शेट्टार लिंगायत समुदाय के बड़े नेता माने जाते हैं, इसलिए भाजपा बड़े पैमाने पर उनके प्रभाव वाले क्षेत्र में डैमेज कंट्रोल की कवायद में भी जुट गई है। भाजपा की कोशिश जहां एक तरफ शेट्टार को उनकी अपनी ही विधान सभा सीट पर उलझाए रखने की है, तो वहीं इसके साथ ही दूसरी तरफ पार्टी यह भी कोशिश कर रही है कि शेट्टार और उनके जैसे बगावत करने वाले अन्य नेताओं के साथ भाजपा के पुराने कार्यकर्ताओं, नेताओं और समर्पित मतदाताओं को जाने से रोका जाए।

कर्नाटक में 10 मई को विधान सभा चुनाव होना है और नतीजों की घोषणा 13 मई को की जाएगी। विधान सभा चुनाव के लिए भाजपा उम्मीदवारों की पहली सूची में 189, दूसरी सूची में 23 और तीसरी सूची में 10 यानी अब तक 222 उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है। लेकिन पार्टी के लिए इस बार उसके बागी सबसे बड़ी समस्या के तौर पर उभरे हैं, इसलिए पार्टी को बगावत से होने वाले नुकसान को नियंत्रित या कम करने के लिए शीर्ष स्तर पर मैदान में उतरना पड़ रहा है।

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