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जांच में मंगलवार को पता चला कि मंगलुरु शहर के बाहरी इलाके में 19 नवंबर को एक ऑटो रिक्शा में जिस कुकर बम में विस्फोट हुआ था, उसमें एक बस को उड़ाने की क्षमता थी।
बेंगलुरु, (आईएएनएस)| जांच में मंगलवार को पता चला कि मंगलुरु शहर के बाहरी इलाके में 19 नवंबर को एक ऑटो रिक्शा में जिस कुकर बम में विस्फोट हुआ था, उसमें एक बस को उड़ाने की क्षमता थी।
सूत्रों के मुताबिक, कुकर में बेहद शक्तिशाली जेल भरा हुआ था।
डिवाइस में प्लस और माइनस कनेक्टिंग यूनिट के साथ एक डेटोनेटर था। जबकि यह बंद हो गया, जिससे डेटोनेटर से बिजली का कनेक्शन विफल हो गया। जेल ने आग पकड़ ली थी और कम तीव्रता वाले विस्फोट के बाद ऑटो से घना धुआं निकलने लगा था।
फॉरेंसिक साइंस के विशेषज्ञों की प्रारंभिक जांच के अनुसार, अगर बम अपनी पूरी क्षमता से फटता, तो ऑटो सड़क पर अन्य वाहनों को नुकसान पहुंचाते हुए ढेर में बदल जाता, जिससे जानमाल का नुकसान भी होता।
इससे पहले दिन में, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) पहले से ही राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय आतंकी समूहों के साथ संबंध का पता लगाने पर काम कर रही है।
उन्होंने कहा, "इसमें कोई संदेह नहीं है कि उन्होंने हमें निशाना बनाया था। हमने इसे गंभीरता से लिया है। कर्नाटक पुलिस ने 18 स्लीपर सेल पकड़े थे और संदिग्ध आतंकी को तिहाड़ जेल भेज दिया था।"
सीएम बोम्मई ने समझाया, इसके बावजूद वे नियंत्रण करने की कोशिश कर रहे हैं। वे पड़ोसी राज्यों के सहयोग से गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मसला है। गिरफ्तार किए गए संदिग्ध आतंकवादी का मूल नाम, उसके कनेक्शन, पहचान को 24 घंटे के भीतर ट्रैक किया गया।
मंगलुरु के पुलिस आयुक्त एन. शशिकुमार ने कहा कि ऑटो चालक पुरुषोत्तम पुजारी की सेहत में सुधार हुआ है। उन्होंने संदिग्ध आतंकवादी मोहम्मद शारिक से भी मुलाकात की, जिसका कांकानाडी अस्पताल में इलाज चल रहा है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि जिस सीसीटीवी फुटेज में दो व्यक्ति घूमते दिख रहे हैं, वह मामले से जुड़े नहीं हैं और फुटेज में दिख रहे व्यक्ति यात्री हैं।
इस बीच, पीएफआई की राजनीतिक शाखा मानी जाने वाली एसडीपीआई ने विस्फोट से किसी तरह के संबंध से इनकार किया है।
एसडीपीआई के प्रदेश महासचिव भास्कर प्रसाद ने स्पष्ट किया कि कूकर ब्लास्ट मामले और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा, "कुछ समय पहले मेंगलुरु में विस्फोट की घटना हुई थी। पहले इसे आतंकी घटना होने का दावा किया गया था। जब संदिग्ध का नाम आदित्य राव निकला, तो मामले को मानसिक रूप से अस्थिर व्यक्ति के कृत्य के रूप में पेश किया गया।"
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