कर्नाटक

आतंकवाद के मुद्दे पर भारत ने दुनिया का नेतृत्व किया, उकसाने वाले देशों को करार जवाब दिया: राजनाथ

Rani Sahu
18 Nov 2022 6:29 PM GMT
आतंकवाद के मुद्दे पर भारत ने दुनिया का नेतृत्व किया, उकसाने वाले देशों को करार जवाब दिया: राजनाथ
x
मणिपाल। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Union Defense Minister Rajnath Singh) ने शुक्रवार को यहां मणिपाल एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन (Manipal Academy of Higher Education) के दीक्षांत समारोह में कहा कि भारत ने आतंकवाद के मुद्दे पर दुनिया का नेतृत्व किया है, जो देश आतंकवाद को अपना हथियार मानते हैं, वे यह भी जानते हैं कि भारत करारा जवाब दे सकता है। रक्षा मंत्री ने कहा "भारत ने आतंकवाद (terrorism) के मुद्दे पर दुनिया का नेतृत्व किया है। जो देश आतंकवाद को अपना हथियार मानते हैं, वे अच्छी तरह जानते हैं कि भारत किसी भी देश को अनावश्यक रूप से तंग नहीं करता है और यह जानता है कि भारत को उकसाने वालों को कैसे मुंहतोड़ जवाब देना है वह बखूबी जानता है।" मणिपाल एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन (एमएएचई) के आज 30वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए श्री सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत को अब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर ध्यान और गंभीरता से सुना जा रहा है। उन्होंने कहा, "भारत ने आतंकवाद जैसे मुद्दों पर दुनिया का नेतृत्व किया है और इस खतरे को जड़ से खत्म करने के लिए समर्थन जुटाने में सफल भी रहा है। आतंकवाद को हथियार के रूप में इस्तेमाल करने वाले देश अब भारत की क्षमताओं से भली-भांति परिचित हैं। भारत न तो किसी देश को उकसाता है और न ही किसी को बख्शता है जो इसकी एकता और अखंडता को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता है उसे कभी नहीं बख्शता है।
वर्तमान युग को ज्ञान-गहन और लगातार विकसित होने वाला बताते हुए रक्षा मंत्री ने मानव पूंजी की गुणवत्ता और मात्रा को उन्नत करने का आह्वान किया, जो किसी देश के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि तकनीकी क्षमताएं और नागरिकों की नवोन्मेषी प्रवृत्ति देश को आगे ले जाने में सबसे निर्णायक कारक है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार युवाओं को उचित शिक्षा और रोजगार के अवसर प्रदान कर रही है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मणिपाल में छात्रों से कहा कि दुनिया भारत के युवा दिमाग की शक्ति लौहा मान चुका है। गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, एडोबी और आईबीएम जैसी प्रमुख कंपनियों ने भारतीयों को सम्मानजनक पदों पर नियुक्त किया है। उन्होंने युवाओं से श्री मोदी के एक मजबूत और आत्मनिर्भर 'नए भारत' के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए देश में नई तकनीकों का विकास करने और कंपनियों, अनुसंधान प्रतिष्ठानों और स्टार्ट-अप को स्थापित करने के लिए कहा।
श्री सिंह ने कहा, "यदि भारतीय दुनिया भर में प्रमुख फर्मों को बढ़ने में मदद कर सकते हैं, तो हम यहां शीर्ष कंपनियों की स्थापना क्यों नहीं कर सकते?" उन्होंने भारतीय स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र की बढ़ती ताकत का श्रेय युवाओं की क्षमताओं, प्रतिभा और प्रज्वलित दिमाग को दिया। "पहले, भारत में कोई स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र नहीं था। वर्ष 2014 से पहले केवल लगभग 500 स्टार्ट-अप थे। आज यह संख्या 70,000 को पार कर गई है। इनमें से 100 से अधिक यूनिकॉर्न बन गए हैं,"
उन्होंने शिक्षा और अनुसंधान में योगदान के लिए मणिपाल ग्रुप ऑफ एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस की सराहना की।
सभा में एमएएचई के अध्यक्ष और मणिपाल एजुकेशन एंड मेडिकल ग्रुप के अध्यक्ष रंजन आर. पई, एमएएचई के प्रो-चांसलर एच.एस. बल्लाल, एमएएचई के कुलपति एम.डी. वेंकटेश और महाराष्ट्र यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज, नासिक माधुरी कानिटकर के कुलपति मौजद रहे।
श्री सिंह ने इससे पहले मणिपाल स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर एंड प्लानिंग के नए भवन का उद्घाटन किया।

Source : Uni India

Next Story