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शिवमोग्गा (आईएएनएस)| कर्नाटक के शिवमोग्गा जिले में 13 वर्षीय छात्रा की मौत के मामले में सोमवार को एक आवासीय विद्यालय के प्रभारी को गिरफ्तार किया गया। आठ जून को सागर कस्बे के स्कूल से अस्पताल ले जाते समय रास्ते में पीड़िता की संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी।
पीड़िता के दो दोस्तों और सहपाठियों और उसकी चाची के बयान दर्ज होने के बाद गिरफ्तारी की गई। सागर (देहात) पुलिस ने आगे की जांच शुरू कर दी है।
पुलिस ने कहा कि पीड़िता शिवमोग्गा में सागर कस्बे के पास स्थित गांव के एक किसान की बेटी थी। बेटी को शिक्षा दिलाने का सपना लेकर उसने सागर कस्बे के आवासीय विद्यालय में उसका दाखिला करवाया था। दाखिले के पांच दिन बाद लड़की गंभीर रूप से बीमार पड़ गई। लगातार उल्टी और लूज मोशन के बाद वह बेहोश हो गई। उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
आरोपी ने घटना के बाद दावा किया कि लड़की के पैर में दर्द था। उसके पैर में जेल और तेल लगाया गया और रसम परोसा गया। उसने और सभी बच्चों ने वही रसम खाया। सुबह सभी छात्र-छात्राएं समय पर उठ गए, लेकिन पीड़िता नहीं उठ पाई। उसने उल्टी की और थकान महसूस होने का दावा किया। कुछ देर बाद वह बेहोश हो गई। पीड़िता को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
उन्होंने यह भी कहा कि डॉक्टरों को संदेह है कि यह कार्डियक अरेस्ट का मामला है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मौत के सही कारण का पता चलेगा।
हालांकि ताजा बयानों के बाद पुलिस ने पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर स्कूल प्रधान को गिरफ्तार कर लिया है।
बच्ची का पोस्टमार्टम हो चुका है और पुलिस फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) की रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। जांच चल रही है।
--आईएएनएस
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