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Bengaluru बेंगलुरु। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सोमवार को कहा कि राजनीतिक लड़ाई के दौरान उनकी ऊर्जा बढ़ जाती है, क्योंकि मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) द्वारा वैकल्पिक स्थलों के आवंटन में अनियमितताओं के संबंध में उनके खिलाफ जांच की मंजूरी देने वाले राज्यपाल थावरचंद गहलोत के आदेश से वे अप्रभावित नजर आए।सिद्धारमैया ने आदेश को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय में रिट याचिका दायर करने के कुछ घंटों बाद कहा, "मेरी अंतरात्मा बिल्कुल साफ है।" उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के वकील अभिषेक मनु सिंघवी उच्च न्यायालय में उनके मामले की पैरवी करेंगे।उन्होंने यहां एक समारोह से इतर संवाददाताओं से कहा, "मुझे न्यायपालिका पर भरोसा है। मुझे न्यायालय से राहत मिलने का पूरा भरोसा है, क्योंकि मैंने कोई गलत काम नहीं किया है।" मुख्यमंत्री ने याद दिलाया कि वे पहली बार 40 साल पहले - 17 अगस्त, 1984 को - मंत्री बने थे और उनके राजनीतिक जीवन में "एक भी काला धब्बा" नहीं रहा है।
सिद्धारमैया ने कहा, "मेरा राजनीतिक जीवन एक खुली किताब है। मैंने कोई गलत काम नहीं किया है, न ही करूंगा। राजभवन का इस्तेमाल करते हुए भाजपा और जेडीएस ने मेरी छवि खराब करने की साजिश रची है।" उन्होंने आदेश को "राजनीति से प्रेरित" बताते हुए कहा कि वह इसका राजनीतिक और कानूनी तरीके से मुकाबला करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा, "हम कानूनी लड़ाई भी लड़ेंगे; हम राजनीतिक लड़ाई भी लड़ेंगे। राजनीतिक लड़ाई के दौरान मुझे और जोश मिलता है। मैं लगातार ऐसा करता रहा हूं। मैंने पहले भी ऐसा किया है, अभी भी कर रहा हूं और भविष्य में भी करूंगा।"
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Harrison
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