कर्नाटक विधानसभा में चुनावों के मद्देनजर सत्तारूढ़ कांग्रेस द्वारा दी गयी पांच गारंटी पूरी करने में कथित विलंब को लेकर विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के हंगामे के कारण मंगलवार को सदन की कार्यवाही कुछ समय के लिए स्थगित कर दी गयी। भाजपा विधायक सदन के आसन के समीप आ गए और सत्तारूढ़ कांग्रेस के खिलाफ नारे लगाए जिसके कारण विधानसभा अध्यक्ष यू टी खादर ने सदन की कार्यवाही कुछ समय के लिए स्थगित कर दी। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही अध्यक्ष ने प्रश्नकाल की कार्यवाही शुरू की। इसके बाद कांग्रेस विधायक शिवालिंगे गौड़ा सवाल करने के लिए खड़े हुए।
हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने स्थगन प्रस्ताव स्वीकार कर प्रश्नकाल के स्थान पर मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग की। उनके साथ भाजपा विधायक आर अशोक ने सरकार पर पांच गारंटी के नाम पर लोगों से ‘‘धोखा’’ करने का आरोप लगाया। इसके बाद भाजपा के अन्य विधायकों ने पहले उनकी बात सुनने की मांग की। अध्यक्ष ने भाजपा सदस्यों से कई बार प्रश्नकाल चलने देने की अपील की लेकिन किसी ने उनकी अपील नहीं सुनी। उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि वे पांच गारंटी की सफलता को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं।
शिवकुमार ने कहा, ‘‘प्रश्नकाल होने दीजिए। फिर हम उनका (भाजपा) ‘ज्ञान’ लेंगे।’’ शिवकुमार ने भाजपा से पूछा कि क्या उसने सभी के बैंक खातों में 15 लाख रुपये जमा कराने और विदेशों में पड़े काले धन को वापस लाने का वादा पूरा किया? उन्होंने कहा, ‘‘हम अपने वादों को लेकर प्रतिबद्ध हैं और हम उन्हें पूरा करेंगे।’’ मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने भी भाजपा से अपना ‘अड़ियल रवैया’ छोड़ने की अपील की। इसके तुरंत बाद भाजपा विधायक सदन के आसन के समीप आ गए और सरकार के खिलाफ नारे लगाने लगे तथा सदन की कार्यवाही को बाधित किया। हंगामे के कारण अध्यक्ष खादर ने सदन की कार्यवाही कुछ देर के लिए स्थगित कर दी