कर्नाटक

Hijab Row: फारूक अब्दुल्ला बोले- 'भारत एक स्‍वतंत्र देश, लड़कियों पर है कि वह हिजाब पहनें या नहीं'

Kunti Dhruw
9 Feb 2022 6:56 PM GMT
Hijab Row: फारूक अब्दुल्ला बोले- भारत एक स्‍वतंत्र देश, लड़कियों पर है कि वह हिजाब पहनें या नहीं
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कर्नाटक (Karnataka) में मुस्लिम लड़कियों के हिजाब (Hijab) पहनने के मामले ने अब तूल पकड़ लिया है.

कर्नाटक (Karnataka) में मुस्लिम लड़कियों के हिजाब (Hijab) पहनने के मामले ने अब तूल पकड़ लिया है. हिजाब विवाद के बाद जहां कई जगहों पर पत्थरबाजी की घटनाएं सामने आई हैं तो कई जगह बुर्का पहने छात्र और भगवा शॉल पहने छात्र एक दूसरे के आमने सामने आ गए हैं. हिजाब मामले (Hijab Issue) ने अब राजनीतिक रूप ले लिया है और इसपर बयानबाजी तेज हो गई है. इसी मामले पर जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि इसमें (हिजाब पहनने में) कुछ भी गलत नहीं है. भारत एक स्वतंत्र देश है और यह एक लड़की पर निर्भर है कि वह इसे पहनें या नहीं. किसी को बिल्कुल भी नुकसान न पहुंचाएं.


बता दें कि कर्नाटक हाईकोर्ट ने हिजाब विवाद को लेकर बुधवार को सुनवाई की. न्यायमूर्ति कृष्णा एस. दीक्षित की एकल पीठ ने कॉलेजों में हिजाब पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिकाओं को एक बड़ी पीठ के पास भेज दिया है. इस मामले पर अब एक बार फिर कर्नाटक के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश का बयान सामने आया है. उन्‍होंने कहा है कि क्‍योंकि कोर्ट ने छात्रों को अंतरिम राहत देने के लिए कोई आदेश पारित नहीं किया है, इसलिए सरकार की ओर जारी अधिसूचना प्रभावी रूप से लागू होगा. ऐसे में छात्रों को कक्षाओं में जाने के लिए यूनिफॉर्म अनिवार्य किया गया है. बता दें कि शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने कहा था कि समान वर्दी संहिता का पालन न करने वाली छात्राओं को अन्य विकल्प तलाशने की छूट है.
शिक्षा मंत्री नागेश ने कहा था कि जैसे सेना में नियमों का पालन किया जाता है, वैसा ही यहां (शैक्षणिक संस्थानों में) भी किया जाता है. उन लोगों के लिए विकल्प खुले हैं जो इसका पालन नहीं करना चाहते. वहीं मंत्री ने छात्रों से राजनीतिक दलों के हाथों का 'हथियार' न बनने की भी अपील की. बोम्मई सरकार ने शनिवार को एक परिपत्र जारी करते हुए उन कपड़ों पर प्रतिबंध लगा दिया था जो राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में शांति, सौहार्द्र और कानून एवं व्यवस्था को बाधित करते हो.


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