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कर्नाटक में लंबे समय से चल रहे हिजाब विवाद पर हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है
Karnataka Hijab Case: कर्नाटक में लंबे समय से चल रहे हिजाब विवाद पर हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. हाई कोर्ट ने कहा है कि हिजाब इस्लाम का हिस्सा नहीं है. हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. हिजाब पर कोर्ट के फैसले को चुनौती 6 मुस्लिम छात्राओं ने दी है. यही 6 मुस्लिम छात्राएं हाई कोर्ट में भी याचिकाकर्ता थीं.
हाई कोर्ट ने हिजाब से जुड़ी सभी याचिकाएं खारिज की
हिजाब मामले में मंगलवार को हाई कोर्ट ने कहा कि कर्नाटक के स्कूल-कॉलेजों में हिजाब पहनने की इजाजत नहीं दी जाएगी. कोर्ट ने कहा कि शिक्षण संस्थान इस तरह के पहनावे और हिजाब पर बैन लगा सकते हैं. यह फैसला सुनाने के साथ ही हाई कोर्ट ने हिजाब की अनुमति मांगने से जुड़ी अन्य सभी याचिकाओं को भी खारिज कर दिया है.
हिजाब इस्लाम का जरूरी हिस्सा नहीं
Plea moved in Supreme Court challenging Karnataka HC order dismissing various pleas challenging the ban on Hijab in educational institutes pic.twitter.com/HJv9eHgnR5
— ANI (@ANI) March 15, 2022
हाई कोर्ट की फुल बेंच ने अपने फैसले में कहा है कि हिजाब इस्लाम का जरूरी हिस्सा नहीं है. बेंच ने मुस्लिम संगठनों और छात्रों की याचिका खारिज करते हुए कहा कि हिजाब पहनना जरूरी नहीं है, शिक्षण संस्थान क्लास में हिजाब पहनने पर बैन लगा सकते हैं.
मुस्लिम छात्राओं की मांग क्या थी?
कर्नाटक हाई कोर्ट में मुस्लिम छात्राओं ने याचिका दायर कर मांग की थी कि उन्हें कॉलेज में स्कूली यूनिफॉर्म के साथ-साथ हिजाब पहनने की अनुमति दी जाए, क्योंकि ये उनकी धार्मिक आस्था का हिस्सा है. इस मामले के चलते कर्नाटक के कई शिक्षण संस्थानों में कुछ दिनों तक बंद भी रहे थे. छात्राओं की याचिकाओं को खारिज करते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि 5 फरवरी के सरकारी आदेश को अमान्य करने का कोई मामला नहीं बनता.
चीफ जस्टिस ने क्या कहा?
चीफ जस्टिस ऋतुराज अवस्थी ने कहा कि पूरे मामले का समग्र दृष्टिकोण लेते हुए हमने कुछ सवाल तैयार किए और उसी के अनुसार उत्तर दिए हैं. पहला सवाल था कि क्या हिजाब पहनना इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा है जो आर्टिकल 25 के तहत संरक्षित हैं. दूसरा सवाल था कि क्या स्कूल यूनिफॉर्म का निर्देश अधिकारों का उल्लंघन है? तीसरा सवाल था कि क्या 5 फरवरी का सरकारी आदेश अक्षम और स्पष्ट रूप से मनमाना होने के अलावा अनुच्छेद 14 और 15 का उल्लंघन करता है?
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