बेंगलुरु। कर्नाटक पुलिस मंगलुरु शहर और आसपास के इलाकों में मोरल पुलिसिंग की घटनाओं को लेकर कड़े एक्शन के मूड में है। इन घटनाओं में शामिल दक्षिण कन्नड़ जिले के तीन बजरंग दल कार्यकर्ताओं के खिलाफ निर्वासन का आदेश जारी करने की तैयारी है। इसकी पुष्टि सूत्रों ने शुक्रवार को की।
पुलिस सूत्रों ने कहा कि बजरंग दल के तीन कार्यकर्ताओं को पहले ही नोटिस भेजकर पूछा गया है कि उनकी अवैध गतिविधियों और समाज में अशांति पैदा करने की कोशिश के चलते क्यों नहीं उन्हें निष्कासित कर दिया जाए। इस संबंध में नामों और अन्य विवरणों की घोषणा अभी बाकी है।
कार्यकर्ताओं को शुक्रवार को मंगलुरु में डीसीपी, कानून-व्यवस्था प्रभाग के कार्यालय में बुलाया गया। पुलिस सूत्रों ने कहा कि समाज में कानून-व्यवस्था बनाए रखने और मोरल पुलिसिंग की घटनाओं पर संदेश देने के लिए उन्हें निर्वासन आदेश दिया जाएगा।
पुलिस ने कहा कि बजरंग दल कार्यकर्ताओं को एक साल की अवधि के लिए निर्वासित किया जाएगा। स्थानीय पुलिस ने इस संबंध में कार्यकर्ताओं पर सुल्तान गोल्ड ज्वेलरी स्टोर्स पर उत्पात मचाने की घटनाओं में शामिल होने और मुरोली में होली त्योहार के जश्न के दौरान उनके हंगामे के संबंध में एक रिपोर्ट दी थी।
अल्पसंख्यक समुदाय के एक लड़के पर 6 दिसंबर, 2022 को सुल्तान गोल्ड ज्वेलरी स्टोर्स पर एक समूह द्वारा कथित तौर पर ज्वेलरी स्टोर में काम करने वाली एक लड़की के साथ संबंध रखने के कारण हमला किया गया था।
घटना को लेकर दोनों तरफ से शिकायत दर्ज करायी गयी थी। पीड़ित लड़की का सहकर्मी था और माता-पिता को संदेह था कि लड़के ने उनकी बेटी को प्रेम जाल में फंसाया है। घटना के सिलसिले में बजरंग दल के चार कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया।
दूसरी तरफ मार्च 2023 में मुरोली में आयोजित होली कार्यक्रम 'रंग दे बरसा' में बजरंग दल के सदस्यों ने घुसकर परिसर में तोड़फोड़ की थी। जब हमला हुआ तो लड़के और लड़कियां पार्टी कर रहे थे। एक-दूसरे पर रंग डाल रहे थे।
कार्यकर्ताओं ने दावा किया था कि लड़कों ने अभद्र व्यवहार किया। उन्होंने इस बात पर आपत्ति जताई थी कि दूसरे धर्म के लड़के होली का त्योहार मना रहे हैं। इस मामले में पुलिस ने छह लोगों को गिरफ्तार किया था।
(आईएएनएस)