कर्नाटक

SI भर्ती में अनियमितता मामले में कांग्रेस विधायक प्रियांक खड़गे को तलब

Kunti Dhruw
25 April 2022 6:48 PM GMT
SI भर्ती में अनियमितता मामले में कांग्रेस विधायक प्रियांक खड़गे को तलब
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बेंगलुरु: देश के अलग-अलग हिस्सों में कोविड-19 के बढ़ते मामलों (Coronavirus Cases) और महामारी की चौथी लहर (Fourth Wave of Covid19) की आशंकाओं के बीच कर्नाटक सरकार ने सोमवार को दिशा-निर्देश जारी कर मास्क लगाना और सामाजिक दूरी (Masks and Social Distance) का पालन करना अनिवार्य बना दिया. मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की अध्यक्षता में वरिष्ठ मंत्रियों, अधिकारियों और कोविड-19 तकनीकी सलाहकार समिति (टीएसी) के विशेषज्ञों की एक बैठक में यह निर्णय लिया गया, जिसमें संभावित चौथी लहर की आशंकाओं के बीच राज्य में स्थिति की समीक्षा की गई.

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के सुधाकर ने कहा, "मास्क अनिवार्य रूप से पहना जाना चाहिए, खासकर उन जगहों पर, जहां भीड़-भाड़ रहती है. इसके अलावा बंद जगहों पर सामाजिक दूरी का पालन करना जरूरी है. संबंधित आशय से जुड़े दिशा-निर्देश आज जारी किए जाएंगे. हमने तत्काल कोई जुर्माना लगाने के संबंध में निर्णय नहीं लिया है."
बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में सुधाकर ने बताया कि बेंगलुरु में संक्रमितों की संख्या में मामूली इजाफा हुआ है, जहां संक्रमण दर 1.9 फीसदी है और यदि आवश्यक हो तो उपचार के बारे में दिशानिर्देशों के साथ स्थिति की निगरानी और समीक्षा की जाएगी.
उन्होंने कहा, "27 अप्रैल को प्रधानमंत्री सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस करेंगे, जहां अधिक मार्गदर्शन और जानकारी साझा की जा सकती है. इसके बाद हम यहां एक और दौर की बैठक करेंगे और अगर आवश्यक हुआ तो जरूरी उपाय किए जाएंगे." संक्रमण के दैनिक मामलों में कमी को देखते हुए 28 फरवरी से राज्य में कोविड-19 से जुड़े प्रतिबंध हटा दिए गए थे.
बाद में सरकार द्वारा जारी आदेश में कहा गया, "सार्वजनिक स्थानों, कार्यस्थलों और परिवहन के दौरान लोगों का फेस कवर या मास्क पहनना अनिवार्य है. इसी तरह, सार्वजनिक स्थानों पर थूकना जुर्माने के साथ दंडनीय अपराध होगा." मुख्य सचिव पी रवि कुमार के हस्ताक्षर वाले आदेश के मुताबिक, सार्वजनिक स्थलों पर लोगों के लिए दो गज की सामाजिक दूरी बनाना अनिवार्य रहेगा.कर्नाटक पुलिस सब इंस्पेक्टर (एसआई) भर्ती में हुई अनियमितता की जांच के मामले में बड़ा अपडेट आया है। भर्ती में अनियमितता के मामले की जांच कर रही सीआईडी ने कांग्रेस विधायक प्रियांक खड़गे को तलब किया है। कर्नाटक के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने स्वयं ही सोमवार को इस बात की जानकारी दी। जारी किए गए बयान में गृहमंत्री ने बताया कि कांग्रेस विधायक खड़गे ने हाल ही में एसआई भर्ती में अनियमितताओं के संबंध में बातचीत की एक ऑडियो क्लिप जारी की थी और कांग्रेस सांसद ने यह रिकॉर्डिंग उन्हें भी भेजी थी। इसी सिलसिले में खड़गे को नोटिस भेजा गया है।
गृह मंत्री ने बताया कि एसआई भर्ती में अनियमितताओं की जांच कर रही सीआईडी ने प्रियांक खड़गे को पूछताछ के लिए नोटिस भेजा है। मैं विधायक से अपनी जिम्मेदारी प्रदर्शित करने और सीआईडी के साथ सबूत साझा कर उसकी मदद करने की अपील करता हूं, जो मामले की सही दिशा में जांच कर रही है। उन्होंने कहा, प्रियांक खड़गे को दस्तावेजों और अन्य सूचनाओं को सीआईडी अधिकारियों के साथ साझा करके जांच में सहयोग करना चाहिए। उन्हें कम से कम यह सुनिश्चित करने में सहयोग देना चाहिए कि अनियमितता में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो।

ज्ञानेंद्र ने चेतावनी देते हुए कहा कि एसआई भर्ती में हुई अनियमितता की निष्पक्ष जांच जारी है, किसी को भी बख्शने का सवाल ही नहीं है, चाहे वह व्यक्ति कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो। गृह मंत्री ने कहा कि उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के साथ विचार-विमर्श करने के बाद ही मामले की जांच के आदेश दिए हैं, ताकि उन उम्मीदवारों के साथ न्याय किया जा सके, जिन्होंने ईमानदारी से एसआई परीक्षा दी, पर उनका चयन नहीं हो सका। उन्होंने कहा कि इस तरह की अनियमितताएं समाज को बहुत नुकसान पहुंचाती हैं, क्योंकि गरीब परिवारों से आने वाले प्रतिभाशाली उम्मीदवार ऐसी गैरकानूनी गतिविधियों के चलते दरकिनार हो जाते हैं।
नोटिस पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व मंत्री खड़गे ने आरोप लगाया कि सीआईडी ने ध्यान भटकाने के लिए उन्हें नोटिस जारी किया है, क्योंकि जांच किसी दिशा में नहीं जा रही है। कांग्रेस विधायक ने यह भी कहा कि वह लिखित में अपना जवाब दे सकते हैं और उन पर निजी रूप से पेश होने की कोई बाध्यता नहीं है। स्टिंग ऑपरेशन करवाने वाले आरोपों को खारिज करते हुए खड़गे ने बेंगलुरु में संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने जो सूचना साझा की है, वो पहले से ही सार्वजनिक मंच पर मौजूद है, जिसमें अधिकारियों के हस्ताक्षर वाले दस्तावेज और कर्नाटक विधानसभा व विधान परिषद में दिए गए जवाब शामिल हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ऑडियो की सामग्री अखबारों में प्रकाशित की जा चुकी है।
खड़गे ने आरोप लगाया, तब उनके पास क्या जानकारी है? अगर उन्हें कोई जानकारी नहीं है तो वे इसे क्यों छिपा रहे हैं? क्या उन्हें जानकारी नहीं देनी चाहिए? मुझे नोटिस दिया गया है, लेकिन उस व्यक्ति को नहीं, जिसने आरोपी और भर्ती के कार्यकारी प्रमुख के साथ भोजन किया था। यह घोटाला कलबुर्गी जिले में हुआ था और खड़गे इसी जिले के चित्तपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। उनके पिता व पूर्व केंद्रीय मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे भी गुलबर्ग (कलबुर्गी) लोकसभा क्षेत्र से सांसद थे।

इस मामले में अफजलपुर के विधायक के सुरक्षाकर्मी समेत 10 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि कर्नाटक में कई बड़े नेताओं की करीबी रही एक भाजपा नेता फरार है। हालांकि, उसके पति को गिरफ्तार कर लिया गया है। यह मामला तब सामने आया था, जब एक अभ्यर्थी को महज 21 प्रश्न हल करने पर 100 प्रतिशत अंक दे दिए गए थे। एसआई के 545 पदों के लिए 54,000 से अधिक अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी। पुलिस सूत्रों के अनुसार, शुरुआती जांच में पता चला है कि अभ्यर्थियों से रिश्वत के तौर पर 75 लाख से 80 लाख रुपये तक लिए गए थे।


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