कर्नाटक

सीएम बसवराज बोम्मई ने की तुंगभद्रा नदी के तट पर 'तुंगभद्रा आरती' की घोषणा

Deepa Sahu
20 Feb 2022 5:06 PM GMT
सीएम बसवराज बोम्मई ने की तुंगभद्रा नदी के तट पर तुंगभद्रा आरती की घोषणा
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कर्नाटक (Karnataka) के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (CM Basavaraj Bommai) ने गंगा तट पर की जाने वाली आरती से प्रेरणा लेकर ‘तुंगभद्रा आरती’ (Tungabhadra Aarti) की घोषणा की है.

कर्नाटक (Karnataka) के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (CM Basavaraj Bommai) ने गंगा तट पर की जाने वाली आरती से प्रेरणा लेकर 'तुंगभद्रा आरती' (Tungabhadra Aarti) की घोषणा की है. कर्नाटक के दावणगेरे जिले के हरिहर में रविवार को तुंगभद्रा आरती परियोजना के तहत 108 योग खंभों के निर्माण की नींव रखने के बाद सीएम बोम्मई ने भरोसा दिलाया कि तुंगभद्रा नदी के तट को उच्च श्रेणी की पर्यटक सुविधाओं के साथ विकसित किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी विश्वनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार किया है, जिसे पहले भीड़भाड़ वाली गलियों के कारण खोजना पड़ता था. अब सभी घाटों को साफ कर दिया गया है और मंदिर को एक भव्य रूप दिया गया है, जहां गंगा आरती बड़े उत्साह के साथ की जा रही है.' उन्होंने आगे कहा, 'उसी तर्ज पर हम दक्षिण में तुंगभद्रा आरती शुरू करना चाहते हैं.'

मुख्यमंत्री ने कहा कि वचनानंद स्वामीजी के मार्गदर्शन में इस संबंध में एक परियोजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इस परियोजना में हरिहरेश्वर से पैदल मार्ग का विकास, नदी के दूषित जल की सफाई और शहरी क्षेत्रों में प्रदूषण की रोकथाम शामिल है. सीएम बोम्मई ने कहा 'हरि और हर का संगम अद्भुत परिणाम देगा.' नदी की सफाई की जरूरत को रेखांकित करते हुए सीएम ने कहा कि पानी प्रकृति के पांच तत्वों (पंचमहाभूत) में से एक है, लिहाजा इसे साफ रखना सबसे अहम है.
हरिहर के विकास के लिए कई परियोजनाएं तैयार
मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि हरिहर चेन्नई-मुंबई औद्योगिक गलियारे का हिस्सा है और इस शहर को विकास के लिए सरकार का पूरा समर्थन मिलेगा. उन्होंने बताया कि राज्य के लोक निर्माण विभाग ने 40 किलोमीटर सड़क का निर्माण शुरू किया है. उन्होंने कहा कि 'सरकार ने हरिहर के व्यापक विकास के लिए कई परियोजनाएं तैयार की हैं, जो इसी साल शुरू हो जाएंगी.' वहीं सीएम ने ये भी कहा कि, 'सभ्यता और संस्कृति का विकास साथ-साथ हुआ है. कुछ का मानना ​​है कि सभ्यता ही संस्कृति है, लेकिन ऐसा नहीं है. सभ्यता जहां परिवर्तन की परिचायक है, वहीं हम जो हैं, वो संस्कृति को दर्शाता है. सभ्यता तुंगभद्रा के तट पर भी पनपी थी.'
हरिहर के ऐतिहासिक मंदिर के नाम पर है हरिहर शहर का नाम
तुंगभद्रा नदी के तट पर स्थित हरिहर शहर का नाम हरिहर के ऐतिहासिक मंदिर के नाम पर पड़ा था. जटिल नक्काशीदार मूर्तियों वाले इस मंदिर में हरिहर देवता की पूजा-अर्चना होती है, जिन्हें हरि (विष्णु) और हर (शिव) का संयुक्त रूप माना जाता है. मंदिर में होयसाला राजवंश के हस्ताक्षर मौजूद हैं, जिसने इस क्षेत्र पर शासन किया और लगभग 800 साल पहले मंदिर का निर्माण किया था.
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